विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ से सम्बन्धित जागरूकता वीडियो का लोकार्पण ‘विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ का तृतीय चरण 01 अक्टूबर, 2020 से 31 अक्टूबर, 2020 तक संचालित किया जाएगा
संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण में राज्य की सफलता देश व दुनिया के लिए एक उदाहरण: मुख्यमंत्री
वर्ष 2016 एवं वर्ष 2017 में क्रमशः 4,353 एवं 5,417 लोग दिमागी बुखार से प्रभावित, 715 तथा 748 मरीजों की मृत्यु जबकि वर्ष 2020 में 823 लोग दिमागी बुखार से प्रभावित 25 की मृत्यु
स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रत्येक परिवार को शौचालय की उपलब्धता, स्वच्छ पेयजल के लिए हैण्डपम्प व पाइप पेयजल की सुविधा का भी इस सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिमागी बुखार के विरुद्ध राज्य सरकार की सफलता साबित करती है कि विभिन्न बीमारियों में बचाव, उपचार से महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 कालखण्ड में मार्च, 2020 व जुलाई, 2020 में ‘संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ के संचालन के लिए फील्ड कर्मियों की सराहना की जिलाधिकारी के नेतृत्व में जनपद स्तर पर लक्ष्य प्रप्ति के लिए सभी विभाग अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से कार्य करें मुख्यमंत्री के नेतृत्व में संचारी रोगों पर नियंत्रण में बहुत सफलता मिली: स्वास्थ्य मंत्री
लखनऊ: (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर ‘विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ के तृतीय चरण का शुभारम्भ किया। इस मौके पर उन्होंने विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान से सम्बन्धित जागरूकता वीडियो का लोकार्पण भी किया। यह अभियान 01 अक्टूबर, 2020 से 31 अक्टूबर, 2020 तक संचालित किया जाएगा। इससे पूर्व, मार्च, 2020 एवं माह जुलाई, 2020 में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के क्रमशः प्रथम व द्वितीय चरण संचालित किये गये थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के समन्वय, डब्ल्यू0एच0ओ0, यूनीसेफ जैसी संस्थाओं के सहयोग एवं जनसहभागिता के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा विगत 03 वर्षाें से संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए अभियान संचालित किया जा रहा है। इन अभियानों से प्रदेश में संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है। इस दिशा में राज्य की सफलता देश व दुनिया के लिए एक उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 38 जनपदों में प्रतिवर्ष संचारी रोगों से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते थे। पूर्वी उत्तर प्रदेश 40-45 वर्षाें से दिमागी बुखार से प्रभावित होता रहा। गोरखपुर सहित आसपास के जनपदों में वर्ष 1977 से वर्ष 2017 तक प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में लोग दिमागी बुखार से प्रभावित होते थे। वर्ष 2017 में वर्तमान प्रदेश सरकार ने दिमागी बुखार के मरीजों के उपचार के साथ-साथ संक्रमण से बचाव की दिशा में प्रयास प्रारम्भ किया। इसके अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, कृषि, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, नगर विकास आदि विभागों के अन्तर्विभागीय समन्वय से स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता तथा बीमारी के प्रति जन जागरूकता के कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रभावी सर्विलान्स की व्यवस्था भी प्रारम्भ की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 एवं वर्ष 2017 में क्रमशः 4,353 एवं 5,417 लोग दिमागी बुखार से प्रभावित हुए थे एवं 715 तथा 748 दिमागी बुखार से पीड़ित मरीजों की मृत्यु हुई थी। इसकी तुलना में वर्ष 2020 में 823 लोग दिमागी बुखार से प्रभावित हुए। इनमें से मात्र 25 की मृत्यु हुई। दिमागी बुखार से ग्रसित होने वालों की संख्या तथा इस रोग की मृत्यु दर में राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप काफी गिरावट आयी है। उन्होंने कहा कि दिमागी बुखार के विरुद्ध सफलता अन्तर्विभागीय समन्वय और टीम वर्क से प्राप्त हुई है। इस उपलब्धि को अन्य क्षेत्रों में भी दोहराया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिमागी बुखार के विरुद्ध राज्य सरकार की सफलता साबित करती है कि विभिन्न बीमारियों में बचाव, उपचार से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रत्येक परिवार को शौचालय की उपलब्धता, स्वच्छ पेयजल के लिए हैण्डपम्प व पाइप पेयजल की सुविधा का भी इस सफलता में महत्वपूर्ण योगदान है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बड़ी संख्या में शौचालयों के निर्माण ने खुले में शौच से मुक्ति दिलायी है। साथ ही, इससे नारी गरिमा की रक्षा तथा संचारी रोगों पर नियंत्रण भी सम्भव हुआ है। उन्होंने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियानों का संचालन भी इसी दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। कोविड-19 के कालखण्ड में भी माह मार्च, 2020 और माह जुलाई, 2020 में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के संचालन के लिए फील्ड कर्मियों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संचारी रोगों की दृष्टि से वर्तमान माह भी महत्वपूर्ण है। अभियान की सफलता के लिए शासन स्तर पर सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा इसकी कार्ययोजना से जनपद स्तर पर अवगत कराया जाए। जिलाधिकारी के नेतृत्व में जनपद स्तर पर लक्ष्य प्राप्ति के लिए सभी विभाग अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से कार्य करें। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि इस वर्ष का यह तृतीय संचारी रोग नियंत्रण अभियान है। मुख्यमंत्री , पद संभालने से पहले ही संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए प्रयासरत थे। संचारी रोगों के नियंत्रण के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री अपने अनुभव का उपयोग कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में संचारी रोगों के नियंत्रण में बहुत सफलता मिली है। कार्यक्रम में अपने स्वागत सम्बोधन में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि माह अक्टूबर, 2020 में संचारी रोग नियंत्रण अभियान का तृतीय चरण संचालित किया जा रहा है। इस समय डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, दिमागी बुखार जैसी कई संक्रामक बीमारियां होती हैं। इस संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के तहत टीकाकरण से छूटे बच्चों व माताओं को सूचीबद्ध किया जा रहा है। भविष्य में अभियान चलाकर उनका टीकाकरण कराया जाएगा। कार्यक्रम के अन्त में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास व पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव महिला एवं बाल विकास व पुष्टाहार एस0 राधा चैहान, अपर मुख्य सचिव सिंचाई टी0 वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, राहत आयुक्त संजय गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे