उ0प्र0 के 36 जनपदों में उद्यमिता संवर्धन केन्द्रों की स्थापना की संस्तुति हेतु एम0एस0एम0ई0 मंत्रालय भारत सरकार को पत्र भेजा गया -डा0 नवनीत सहगल - मानवी मीडिया

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Saturday, October 17, 2020

उ0प्र0 के 36 जनपदों में उद्यमिता संवर्धन केन्द्रों की स्थापना की संस्तुति हेतु एम0एस0एम0ई0 मंत्रालय भारत सरकार को पत्र भेजा गया -डा0 नवनीत सहगल

लखनऊ: (मानवी मीडिया,)  अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश तथा निर्यात प्रोत्साहन डा0 नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 के विकास तथा संवर्धन हेतु मण्डल स्तर पर उद्यमिता संवर्धन केन्द्रों की स्थापना कराई जा रही है। प्रदेश के 18 मण्डलों के 36 जनपदों में उद्यमिता संवर्धन केन्द्रों की स्थापना की संस्तुति एम0एस0एम0ई0 मंत्रालय भारत सरकार से अनुमति प्राप्त करने हेतु आज पत्र भेजा गया है।    डा0 सहगल ने बताया कि जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के विकास तथा संवर्धन जनपद स्तर पर अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की स्थापना को अधिक सुगम बनाने, उनके उत्तरोत्तर विकास, व्यापार में विकास, सेवाओं में बढ़ोत्तरी आदि संरचनात्मक गतिविधियों को ऊर्जावार बनाने तथा सामूहिक परिवर्तन लाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में भारत सरकार के अधीन मण्डल स्तर पर कम से कम दो उद्यमिता संवर्धन केन्द्रों की स्थापना जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र में कराये जाने का निर्णय लिया गया है। जिन 36 जनपदों में उद्यमिता संवर्धन केन्द्रों की स्थपना का प्रस्ताव भेजा गया है, वे आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, एटा, अयोध्या, सुल्तानपुर, आजमगढ़, बलिया, बरेली, शाहजहांपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बांदा हमीरपुर, गोण्डा, बहराईच, गोरखपुर, देवरिया, झांसी, जालौन, कानपुर नगर, फर्रूखाबाद, लखनऊ, उन्नाव, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, मुरादाबाद, रामपुर, मिर्जापुर, भदोही, प्रयागराज, फतेहपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, वाराणसी तथा जौनपुर जनपद है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मण्डल स्तर पर चयनित उद्यमिता संवर्धन केन्द्रों को जिला उद्योग परिसर में दो कक्ष भी आवंटित किये जायेंगें। इन केन्द्रों द्वारा मुख्यता एम0एस0एम0ई के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने, कार्यक्रमांे के मूल्यांकन का अध्ययन करने, नये अनुसंधान हेतु योजनाएं बनाने तथा भविष्य की योजनाओं व संभावनाओं का सर्वेक्षण इत्यादि कार्य किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इससे वैश्विक एवं राष्ट्रीय परिदृश्य में नवप्रर्वतनों के अतिरिक्त उद्यम विकास को गति मिलेगी और अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को ध्यान में रखकर एम0एस0एम0ई को अधिकाधिक प्रतिपस्पर्धी बनाया जा सकेगा।


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