नई दिल्ली, (मानवी मीडिया) भारत के मिसाइल जखीरे में और इजाफा हो गया है। शुक्रवार को देश में एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रूद्रम' का सफल परीक्षण किया गया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद (Defense Research and Development Organization, DRDO) द्वारा इस मिसाइल को विकसित किया गया है। आज लड़ाकू विमान सुखोई-30 से पूर्वी तट पर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया।
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके डीआरडीओ को मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा, 'न्यू जनरेशन एंटी-रेडिएशन मिसाइल (रुद्रम -1) पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है। भारतीय वायुसेना के लिए तैयार मिसाइल का आइटीआर, बालासोर पर सफल परीक्षण किया गया। इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और अन्य हिस्सेदारों को बधाई।'
कुछ दिन पहले हुआ था बालेश्वर में क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण
कुछ दिन पहले बालेश्वर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और रूस के वैज्ञानिकों के प्रयास से तौयार जमीन से जमीन पर मार करने वाले क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का परीक्षण किया गया था। यह प्रक्षेपास्त्र 8.4 मीटर लंबा तथा 0.6 मीटर चौड़ा है और इसका भार 3000 किलोग्राम है। इस में मिसाइल 300 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने तथा 300 किलोमीटर से 500 किलोमीटर तक वार करने की क्षमता है। इसे पानी जहाज हवाई जहाज जमीन एवं मोबाइल लांचर से छोड़ा जा सकता है। इसका प्रक्षेपण पनडुब्बी हवाई जहाज और जमीन आधारित मोबाइल ऑटोनॉमस लांचर से भी किया जा सकता है।
इसके अलावा पिछले साल दिसंबर महीने में भी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के चांदीपुर से दो ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इन ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को जमीन और हवाई प्लेटफार्म से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
बीते माह में किया गया था पृथ्वी-2 मिसाइल का परीक्षण
इससे पहले पिछले महीने स्वदेश में तैयार की गई परमाणु क्षमता वाली पृथ्वी-2 मिसाइल (Prithvi-II missile) का भी सफल परीक्षण किया था। सतह से सतह पर 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली पृथ्वी-2 मिसाइल अपने साथ 500 से 1000 किलोग्राम तक के आयुध ले जाने में सक्षम है।