सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों का इनपुट जुटा रहा उ0प्र0 का खूफिया विभाग, कर्मचारियों में खलबली   - मानवी मीडिया

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Monday, October 12, 2020

सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों का इनपुट जुटा रहा उ0प्र0 का खूफिया विभाग, कर्मचारियों में खलबली  

लखनऊ (मानवी मीडिया) स्टेट इंटेलिजेंस (अभिसूचना विभाग) सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों में पूरे प्रदेश से इनपुट जुटा रही है। उच्चस्तर के निर्देश पर पहली बार इस तरह का काम खुफिया विभाग को सौंपा गया है। इंटेलिजेंस के लोग दफ्तरों में जाकर संबंधित रिकॉर्ड की कॉपी ले रहे हैं और गड़बड़ियों में लिप्त कर्मचारियों से पूछताछ भी कर रहे हैं। इससे कर्मचारियों में खलबली मची है।  दरअसल, अब तक स्टेट इंटेलिजेंस कानून-व्यवस्था से संबंधित मामलों में ही दखल देती रही है। लेकिन समाज कल्याण विभाग में मृतक आश्रितों की नियुक्तियों में घपला सामने आने के बाद इंटेलिजेंस भी सक्रिय हो गई। इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों ने समाज कल्याण निदेशालय जाकर संबंधित संयुक्त निदेशक से 20 साल में हुई नियुक्तियों का ब्योरा हासिल किया। जिन कर्मचारियों की गलत नियुक्ति के मामले आए, उनसे भी लंबी बातचीत की। एक यूनियन नेता का भी कहना है कि स्टेट इंटेलीजेंस ने उनसे भी संपर्क किया है।  *अधिकारी बोले, उच्च स्तर से मिल रहे हैं निर्देश*  सूत्रों के मुताबिक, स्टेट इंटेलिजेंस अन्य कल्याणकारी विभागों में भी भ्रष्टाचार के मामलों में जरूरी तथ्य इकट्ठा कर रही है। इंटेलिजेंस के एक इंस्पेक्टर ने बताया कि ऐसी जानकारियां इकट्ठा करने के निर्देश उच्च स्तर से मिले हैं।  ये जानकारियां रिपोर्ट की शक्ल में शासन के साथ शेयर की जाएंगी, ताकि संबंधित मामलों में उचित और ठोस निर्णय लिए जा सकें। संबंधित विभागों के अलावा अन्य जिस भी माध्यम से जरूरी इनपुट मिल सकता है, उसे भी इंटेलिजेंस जुटा रही है।  खुफिया निरीक्षकों से कहा गया है कि अगर मुख्यालय स्तर के भ्रष्टाचार के तार जिले स्तर से जुड़े हुए हैं, तो वहां से भी तथ्य इकट्ठा किए जाएं। इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस नीति' से जोड़कर देखा है।  जानकार बताते हैं कि हाल ही में पीडब्ल्यूडी और वित्त विभाग समेत कई विभागों में अधिकारियों की बर्खास्तगी और अनिवार्य सेवानिवृत्ति जैसी कार्रवाई में भी खुफिया इनपुट का काफी योगदान रहा। आने वाले समय में भी इस तरह की कार्रवाई में खुफिया इनपुट को शामिल कर विचार किया जाएगा।


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