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Monday, October 5, 2020

सभी जिलों में निर्यात विकास केन्द्र के गठन की कार्यवाही शुरू-: डा0 नवनीत सहगल

केन्द्रों पर शिल्पियों एवं कारीगरों को प्रशिक्षण के साथ-साथ ई-मार्केट प्लेस पर उत्पादों के विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी
 निर्यात विकास केन्द्र वैश्विक एवं स्थानीय ई-मार्केट प्लेस कंपनियों, विदेश व्यापार तथा इण्डिया पोस्ट विभाग के सहयोग से कार्य करेेंगे

      लखनऊ(मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद को एक्सपोर्ट हब के रूप विकसित किये जाने हेतु सभी जिलों में निर्यात विकास केन्द्रों के गठन की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके तहत प्रत्येक जिले के जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र में निर्यात विकास केन्द्र की स्थापना कराई जा रही है इन केन्द्रों के माध्यम से स्थानीय शिल्पियों एवं कारीगरों को प्रशिक्षण, ई-मार्केट प्लेस पर आॅनबोर्डिंग आर्टीजन्स के उत्पादों के विक्रय हेतु इमेजिंग, कैटलागिंग आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिए सभी केन्द्रों पर हाई स्पीड इंटरनेट सेवा, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर, काॅफ्रेंस आदि की व्यवस्था होगी। प्रदेश के सभी उपायुक्त उद्योग को अवसंरचनात्मक सुविधाओं संबंधी प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गये हैं।
 यह जानकारी अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के प्रत्येक जिले को एक्सपोर्ट हब बनाने के विजन को मूर्तरूप प्रदान करने की दिशा में जिला स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन समिति (डीईपीसी) के गठन के साथ जिला निर्यात योजना की रूपरेखा तैयार कराई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिलों में स्थापित निर्यात विकास केन्द्र वैश्विक एवं स्थानीय ई-मार्केट प्लेस कंपनियों, विदेश व्यापार, इण्डिया पोस्ट विभाग के सहयोग से कार्य करेेंगे।
डा0 सहगल ने बताया कि निर्यात विकास केन्द्रों के माध्यम से व्यवसायियों, कारीगरों तथा स्वयं सहायता समूहों से सम्पर्क कर उन्हें ई-काॅमर्स सुविधाओं के प्रति संवेदनशील बनाने एवं उत्पादक संगठन के रूप में संगठित किये जाने हेतु सहायता प्रदान की जायेगी। उत्पादकों के उत्पादों को ई-मार्केट प्लेस पर आॅनबोर्डिंग तथा लेन-देन की सुविधा हेतु घरेलू एवं वैश्विक कंपनियों के मध्य समन्वय बनाया जायेगा। इसके साथ ही केन्द्र उत्पादकों को निर्यात हेतु आवश्यक डाक्यूमेंट तैयार कराने में मदद करेंगे।
 अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उत्पादों को ई-मार्केट प्लेस पर आॅनबोर्ड कराये जाने संबंधी गतिविधियों जैसे-कैटलागिंग, आॅनलाइन स्टोर क्रिएशन, लिस्टिंग, एडिशन, माॅडिफिकेशन तथा डिलीशन आदि के संपादन हेतु ई-कामर्स कंपनियों से केन्द्रों द्वारा निरंतर संपर्क किया जायेगा। इसके अतिरिक्त उत्पादों की डिलिवरी में भी उद्यमियों को सहयोग प्रदान किया जायेगा। इसके लिए लेबलिंग, पैकेजिंग, इन्वाॅइसिंग, जी0एस0टी0 कम्पलायन्स तथा लाॅजिस्टिक सपोर्ट दिया जायेगा। इसके अलावा उद्यमियों को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। साथ-साथ बायर्स-सेलर मीट, रिवर्स बायर सेलर मीट, फिजिकल एवं वर्चअल अन्तर्राष्ट्रीय मेलों में कारीगरों एवं उद्यमियों को प्रतिभाग करने का अवसर भी प्रदान किया जायेगा।
डा0 सहगल ने बताया कि केन्द्रों के परिचालनहेतु नाॅलेज पार्टनर के रूप में विशेषज्ञ संस्था फेडरेशन आॅफ इण्डियन एक्सपोर्ट आर्गनाईजेशन (फियो) से सहयोग प्राप्त किया जायेगा। फियो द्वारा प्रत्येक जिला विकास केन्द्र पर कर्मचारी नियुक्त किये जायेंगे, जिनके माध्यम से केन्द्रों का संचालन होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ई-कामर्स कंपनी ई-वे तथा अमेजन से एम0ओ0यू0 किया जा चुका है।


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