नयी शिक्षा नीति पर भी विशेषांक निकालें - राज्यपाल
लखनऊ(मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने साहित्यकार आचार्य चन्द्र प्रकाश सिंह के 111वें जन्मदिवस के अवसर पर पत्रिका ‘शब्दिता’ के विशेषांक ‘ऋषि परम्परा के महाकवि’ का आज राजभवन में विमोचन किया। इस अवसर पर अपर महा-साॅलिसिटर भारत सरकार शशि प्रकाश सिंह, संपादक डाॅ0 रामकठिन सिंह सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि आचार्य चन्द्र प्रकाश सिंह ने साहित्य की जो सेवा की है वह अनुपम है। छात्र-छात्राएं उनके साहित्य को पढ़ते तथा शोध भी करते हैं। आचार्य के कार्य को आगे बढ़ाने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि पत्रिका को नयी शिक्षा नीति पर भी विशेषांक निकालना चाहिए। बच्चों को क्या और कैसे पढ़ाना एवं सिखाना है, इस पर चर्चा होनी चाहिए। प्राइमरी, सेकेण्डरी तथा विश्वविद्यालय में शिक्षण कैसा हो, यह विचार का विषय है। उच्च शिक्षा में शोध केवल नौकरी प्राप्ति के लिये हो रहा है। चिकित्सा, समाज सेवा के क्षेत्र में भी उच्च स्तर का शोध होना चाहिए, जिससे समाज लाभान्वित हो। उन्होंने कहा कि विद्वतजन विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम एवं कंटेंट तैयार करें।
पत्रिका के सम्पादक डाॅ0 रामकठिन सिंह ने कहा कि ऋषि परम्परा की वाहक शब्दिता शुद्ध साहित्यिक पत्रिका है जिसका उद्देश्य साहित्य की कसौटी पर खरा उतरना तथा देशहित में कार्य करना है। आचार्य चन्द्र प्रकाश को जो स्थान साहित्य के क्षेत्र में मिलना चाहिए था वह नहीं मिल सका। वह बड़े साहित्यकार थे जिन्होंने शिक्षक तथा साहित्यकार के रूप में देश सेवा की तथा गुजरात के दुर्लभ ग्रंथों की खोज की। उन्होंने कहा कि आचार्य चन्द्र प्रकाश भारतीयता में विश्वास रखते थे।
इस अवसर पर शशि प्रकाश सिंह ने आचार्य चन्द्र प्रकाश के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि आचार्य के जीवन पर सम्पूर्ण ग्रंथावली तैयारी की जा रही है।