लखनऊ (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है। राज्य सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए निवेशकों के अनुकूल माहौल तैयार किया है, जिसके फलस्वरूप निवेशक प्रदेश में इकाई स्थापना के लिए निरंतर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर वैश्विक अर्थव्यवस्था का दौर है। हमारा देश तीसरी आर्थिक विश्व महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है।
सिंह आज अपने आवास से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से फिक्की द्वारा आयोजित 4-दिवसीय श्लीड्स 2020 ’के दौरान सतत संसाधनों में रीइमाजिनिंग सिनर्जियों के ओशिनिया सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर सरकार की नीतियों और व्यवसायों को फिर से संगठित करने, पुनर्गठित करने और पुनः नवाचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विकास नीति के अन्तर्गत अब सभी राज्यों को काम करना होगा। वैश्विक महामारी ने हम सभी के लिए आज चुनौतियां खड़ी कर दी हैं और इन चुनौतियों को हमारे सभी नीतिगत ढाँचों में फिर से तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम पिछले साल से संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी पर काम कर रहे हैं। लगभग सभी मंत्रालयों ने आईआईएम, लखनऊ के साथ विचार-मंथन सत्र के बाद इसे अपनाया है। ”
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत विजन का मतलब है कि दुनिया के साथ अधिक से अधिक तालमेल के साथ कार्य किया जाय । “जल मिशन’’ प्रधानमंत्री का सबसे महत्वपूर्ण मिशन में से एक है। उन्होंने अपने सरकार की मंशा को स्पष्ट करते हुए उम्मीद जताई कि वर्ष 2022 तक हम प्रत्येक घर को पाइप सेे पानी और हर खेत को सिंचित करने के लिए सुनिश्चित रणनीति को सफलीभूत कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हम पिछले साल से संयुक्त राष्ट्र की एसडीजी नीति पर काम कर रहे हैं। ”
सिंह ने कहा वर्तमान वैश्विक दौर में कृषि अर्थव्यवस्था का विशेष महत्व है और इसी के तहत किसान की आय दोगुनी करने के लिए प्रभावी कदम उठाये गये हैं। ऊर्जा क्षेत्र के संबंध में विस्तार चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक रूप से उर्जा की मांग में 6 प्रतिशत की गिरावट है, इसलिए, हम सभी के लिए विश्व स्तर पर भी इसे गम्भीरतापूर्वक कार्य करना होगा। “कुछ देशों के पास अक्षय ऊर्जा के लिए बेहतर प्रौद्योगिकी और नवीन प्रणालियाँ हैं। उन देशों के लिए जो उस पैमाने पर विकसित नहीं हुए हैं, हम उनके साथ हाथ मिला कर काम कर सकते हैं। ”अक्षय ऊर्जा (आरई) एक महत्वपूर्ण कारक है, और राज्य सरकार आरई के 20 जीडब्ल्यू की दिशा में काम कर रही है।
सिंह ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने और एक-दूसरे के लिए बाजार बनाने के लिए यूपी विभिन्न देशों के साथ सहयोग करने के लिए सतत् तैयार है, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था में बदलाव हो। अवसर उपलब्ध हैं और सहयोग को एक साथ लाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक स्थायी आपूर्ति श्रृंखला मॉडल की आवश्यकता पर काम करने के लिए लचीला और न्यायसंगत रूख अपनाया है।
इस अवसर पर सिंडीकाटम रिन्यूवल एनर्जी कम्पनी के कन्ट्री हेड डेविन नारंग, फिक्की के एडिशनल डायरेक्टर गौरव वत्स, पीटी इल्थाबी रेकतामा इन्डोनेशिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी इलहान ए हबीबी, इनेल ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड नेटवर्क इटली के बिजनेस हेड मारसेलो कैस्टेलियो, एशिया पैसेफिक टर्नर एण्ड टाउनसेंड आस्ट्रेलिया के प्रबंध निदेशक अनूज उदित सहित टाटा पावर इण्डिया के प्रेसिडंेड आशीष खन्ना सहित 2000 लोगों ने वर्चुअल सेमिनार में हिस्सा लिया।