मुख्यमंत्री ने बालिकाओं/महिलाओं से जुड़े मामलों में
पुलिस विभाग को पूरी संवेदनशीलता और तत्परता बरतने के निर्देश दिए
अनुसूचित जाति/जनजाति से सम्बन्धित मामलों में पुलिस
विभाग गम्भीरता और शीघ्रता के साथ कार्यवाही करे: मुख्यमंत्री
प्रदेश सरकार द्वारा लगातार की गयी कार्यवाही से बालिकाओं
व महिलाओं के प्रति अपराधों में उल्लेखनीय कमी आयी
महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों में
प्रदेश में सजा का प्रतिशत देश में सर्वाधिक
प्रदेश में महिला सम्बन्धी अपराधों में वर्ष 2019 में
8,059 मामलों में दोषसिद्धि, यह देश में सर्वाधिकलखनऊ(मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बालिकाओं/महिलाओं से जुड़े मामलों में पुलिसविभाग को पूरी संवेदनशीलता और तत्परता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अनुसूचित जाति/जनजाति से सम्बन्धित मामलों में भी पुलिस विभाग गम्भीरता और शीघ्रता के साथ कार्यवाही करे।
यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार की अपराधों के विरुद्ध जीरो टाॅलरेन्स की नीति है। प्रदेश सरकार द्वारा लगातार की गयी कार्यवाही से बालिकाओं व महिलाओं के प्रति अपराधों में उल्लेखनीय कमी आयी है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात एण्टी रोमियो स्क्वाॅड के गठन की कार्यवाही की। मुख्यमंत्री जी द्वारा एण्टी रोमियो स्क्वाॅड को निरन्तर और प्रभावी ढंग से कार्यशील रखने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि एन0सी0आर0बी0 की वर्ष 2019 की रिर्पोट के अनुसार महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों में प्रदेश में सजा का प्रतिशत 55.2 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में महिला सम्बन्धी अपराधों में वर्ष 2019 में 8,059 मामलों में दोषसिद्धि हुई है। यह देश में सर्वाधिक है। 5,625 मामलों में दोषसिद्धि के साथ राजस्थान दूसरे तथा 4,191 मामलों में दोषसिद्धि के साथ मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है।
प्रवक्ता ने बताया कि एन0सी0आर0बी0 की वर्ष 2019 की रिर्पोट के अनुसार महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों में प्रदेश में सजा का प्रतिशत 55.2 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में महिला सम्बन्धी अपराधों में वर्ष 2019 में 8,059 मामलों में दोषसिद्धि हुई है। यह देश में सर्वाधिक है। 5,625 मामलों में दोषसिद्धि के साथ राजस्थान दूसरे तथा 4,191 मामलों में दोषसिद्धि के साथ मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है।