श्रीनगर (मानवी मीडिया)- पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) से जुड़े 113 करोड़ के घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को पूछताछ की। इस बीच एनसी उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने डा. अब्दुल्ला से हुई पूछताछ को राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम बताया है जबकि पीडीपी के वरिष्ठ नेता एवं पीडीपी-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार के पूर्व प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि यह सरासर धमकी है।नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के साथ उनके बेटे उमर तथा पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की फाइल फोटो ईडी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डा. अब्दुल्ला को दो दिन पूर्व ईडी की ओर से जेकेसीए घोटाले के संबंध में सोमवार को इसके सामने पेश होने का समन जारी किया गया था। डा. अब्दुल्ला आज जैसे ही यहां राजबाग स्थित कार्यालय में पहुंचे तो उनसे पूछताछ शुरू हो गई। इससे पहले डा. अब्दुल्ला से 31 जुलाई 2019 को चंडीगढ़ में पूछताछ की गयी थी। इसके पांच दिनों के बाद ही यानी पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया था तथा डा. अब्दुल्ला, उनके पुत्र उमर तथा सुश्री मुफ्ती समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को हिरासत में या फिर नजरबंद कर दिया गया था
सीबीआई ने 2002 से 2011 के बीच भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा खेल को बढ़ावा देने के लिये जेकेसीए को दिए गए अनुदान में से 43.69 करोड़ रुपये के गबन के मामले में अब्दुल्ला, खान, मिर्जा के अलावा मीर मंजूर गजनफर अली, बशीर अहमद मिसगार और गुलजार अहमद बेग (जेकेसीए के पूर्व अकाउंटेंट) के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। ईडी ने कहा कि उसकी जांच में सामने आया है कि जेकेसीए को वित्त वर्षों 2005-2006 और 2011-2012 (दिसंबर 2011 तक) के दौरान तीन अलग-अलग बैंक खातों के जरिये बीसीसीआई से 94.06 करोड़ रुपये मिले।