पीपल्स अलायंस के अध्यक्ष बने फारूक अब्दुल्ला, बोले- हम ऐंटी-बीजेपी हैं, ऐंटी-नैशनल नहीं     - मानवी मीडिया

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Saturday, October 24, 2020

पीपल्स अलायंस के अध्यक्ष बने फारूक अब्दुल्ला, बोले- हम ऐंटी-बीजेपी हैं, ऐंटी-नैशनल नहीं    

नई दिल्ली (मानवी मीडिया): जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा के आवास पर शनिवार को गुपकार घोषणा (पीपुल्स अलायंस फॉर डिक्लेरेशन) की बैठक शनिवार दोपहर में आयोजित हुई। इसमें जम्मू-कश्मीर के 6 राजनीतिक दल शामिल हुए। बैठक में फारूक अब्दुल्ला को पीपुल्स अलायंस फॉर डिक्लेरेशन का अध्यक्ष और महबूबा मुफ्ती को उपाध्यक्ष घोषित किया गया है। वहीं, सजाद लोन को गठबंधन का प्रवक्ता बनाया गया है।बैठक के बाद क्षेत्रीय दलों की तरफ से साझा बयान जारी किया गया है।फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जो लोग प्रचार कर रहे हैं कि गुपकार राष्ट्र विरोधी है, वो गलत हैं। हम भाजपा के विरोधी हैं और इसका मतलब ये नहीं है कि राष्ट्र विरोधी हैं। बीजेपी ने देश और संविधान को नुकसान पहुंचाया है। हम चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर के लोगों का अधिकार वापस किया जाए। एक महीने के भीतर एक दस्तावेज तैयार किया जाएगा जिसके माध्यम से हम उन झूठों के पीछे तथ्य प्रस्तुत करेंगे जो प्रचारित किए जा रहे हैं। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों को श्रद्धांजलि होगी, जिनकी बदनामी हो रही है। फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की आवाम को धोखे में रखकर फैसला किया। आज भी राज्य की जनता खुद को बंधनों में जकड़ी हुई महसूस करती है। वो समझते हैं कि पांच अगस्त 2019 को जो फैसला लिया गया था वो न तो संविधान सम्मत और  ना ही विधि सम्मत था। एक दल ने अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए 1947 में यहां की जनता से जो वादा किया गया था उसे तोड़ दिया। महबूबा मुफ्ती के बयान की हुई थी आलोचना पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वो तिरंगे को तब तक नहीं उठाएंगी जब तक जम्मू-कश्मीर के झंडे को मान सम्मान बहाल नहीं किया जाता है, एक तरह से वो केंद्र सरकार को खुले तौर पर धमकी दे रही थीं कि 370 की बहाली तो करनी ही होगी। यह बात अलग है कि उनके इस बयान पर बीजेपी की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आई। केंद्रीय मंत्री डॉ जीतेंद्र सिंह ने कहा कि कभी कभी तो जम्मू-कश्मीर के तथाकथित दल चिन्हित अलगाववादी नेताओं से ज्यादा खतरनाक नजर आते हैं।सत्ता में रहते वक्त उनका सुर कुछ और होता है, जबकि सत्ता से बेदखल होने के बाद पाकिस्तान का गान करने लगते हैं।  


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