पति अडंमान निकाेबार, पत्नी बठिंडा ट्रांसफर-कर्नल दंपति पहुंचा कोर्ट, अदालत ने नहीं दी राहत   - मानवी मीडिया

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Tuesday, October 20, 2020

पति अडंमान निकाेबार, पत्नी बठिंडा ट्रांसफर-कर्नल दंपति पहुंचा कोर्ट, अदालत ने नहीं दी राहत  

नई दिल्ली (मानवी मीडिया)-दिल्ली हाईकोर्ट ने अलग-अलग स्थानों पर तैनात करने के फैसले के खिलाफ कर्नल दंपती द्वारा दायर याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिन नई जगहों पर आपको पोस्टिंग दी गई है, वहां पदभार ग्रहण करें। मंगलवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने दोनों अधिकारियों की शिकायतों के संबंध में सूचना मीडिया को लीक किये जाने पर नाराजगी जताई और कहा, ‘या तो आप मीडिया के पास जा सकते हैं या अदालत के पास आएं।'  न्यायमूर्ति राजीव सहाय और आशा मेनन की पीठ ने कर्नल अमित कुमार की याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह निर्देश जारी किया। याचिका में कर्नल ने इस आधार पर राजस्थान के जोधपुर से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपनी तैनाती के आदेश को चुनौती दी थी कि, उनकी पत्नी को कर्नल के पद पर पदोन्नत करके बठिंडा भेजा जा रहा है।   जस्टिस राजीव सहाय और आशा मेनन की बेंच के समक्ष बताया गया कि सेना ने याचिकाकर्ता के प्रतिवेदन पर विचार किया और और उसे खारिज कर दिया। प्रतिवेदन में एक ही पति-पत्नी एक ही जगह तबादले की मांग की थी। साथ ही आदेश की प्रति भी पेश की। बेंच ने इसके बाद याचिकाकर्ता सैन्य अधिकारी की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि तबादले के लिए सेना द्वारा जारी आदेश तार्किक और उचित है। बेंच ने कहा कि सेना ने अपने आदेश में पति-पत्नी को एक जगह पदस्थापना देने के याचिकाकर्ता अमित कुमार की मांग को खारिज करने का जो कारण बताया है, उसके मद्देनजर इसमें हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं बनता है।  सेना के जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) विभाग में एक अधिकारी हैं। पीठ ने कहा कि सेना ने अपने आदेश में पति-पत्नी को एक जगह पोस्टिंग देने के कुमार के अनुरोध को खारिज करने का कारण बताया है और अदालत के इस मामले में हस्तक्षेप के लिए दुर्भावना या नियमों के उल्लंघन का कोई आधार नहीं बना है। पीठ ने 15 सितंबर को सेना से दंपती के अनुरोध पर विचार कर चार सप्ताह में निर्णय लेने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने 20 अक्तूबर को सुनवाई की अगली तारीख तक दोनों अधिकारियों की तैनाती पर रोक लगा दी थी।


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