NIA को संदेह- केरल गोल्ड स्मगलिंग में दाऊद इब्राहिम का हाथ! आतंकी गतिविधियों में होता था पैसे का इस्तेमाल   - मानवी मीडिया

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Thursday, October 15, 2020

NIA को संदेह- केरल गोल्ड स्मगलिंग में दाऊद इब्राहिम का हाथ! आतंकी गतिविधियों में होता था पैसे का इस्तेमाल  

नई दिल्ली (मनवी मीडिया) : केरल गोल्ड स्मगलिंग केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध किया है। जमानत याचिका के खिलाफ दायर जवाब में एनआईए ने दावा किया है कि इस मामले के तार अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसकी डी-कंपनी से जुड़ रहे हैं। आतंक-रोधी एजेंसी ने बताया कि उसके इंटेलीजेंस इनपुट से जानकारी मिली है कि इस सोने के तस्करी में मिली राशि को राष्ट्र-विरोधी और आतंकवादी गतिवधियों में इस्तेमाल किया गया था। एनआईए ने कहा कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए 180 दिन तक सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाना अत्यंत आवश्यक है।     केरल सोना तस्करी में हो सकता है दाऊद इब्राहिम का हाथ, आतंकी गतिविधियों में होता था पैसे का इस्तेमाल : NIAबुधवार को केरल सोने की तस्करी मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोच्चि की एक विशेष अदालत को बताया कि कुछ आरोपियों के दाऊद इब्राहिम के गिरोह से संबंध हैं और वे कई बार तंजानिया गए हैं, जहां अंडरवर्ल्ड डॉन का व्यापक नेटवर्क है।कोर्ट में आरोपियों ने तस्करी मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों को चुनौती दी थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि तस्करी आर्थिक अपराध के तहत आती है और इस मामले में कोई आतंकी एंगल नहीं है। एनआईए ने यह कहते हुए इसका काउंटर किया कि इस मामले के कुछ आरोपियों के देश विरोधी ताकतों से संबंध हैं।कोर्ट में एनआईए ने विस्तार से कहा कि इस मामले में आरोपी नंबर 5  केटी रमीज और आरोपी नंबर 13 एम शराफुद्दीन ने तंजानिया का कई बार दौरा किया है और दाऊद के संपर्क वाले फिरोज 'ओएसिस' से मुलाकात की और देश में आग्नेयास्त्रों की तस्करी के तरीकों पर चर्चा की। इससे पहले रमीज कोझिकोड हवाई अड्डे पर तस्करी के रिवाल्वर के साथ पकड़ा गया था। लेकिन बाद में उसने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि वह शूटिंग एसोसिएशन का सदस्य था और उसने जुर्माना लगाया।अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (फाइल फोटो)उम्मीद की जा रही है कि इस मामले पर कोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुना सकता है। इधर, केरल के पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एम शिवशंकर ने बुधवार को अपनी अग्रिम जमानत याचिका के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने आरोप लगाया गया है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। कोच्चि में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से प्रधान सत्र न्यायालय में प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर शिवशंकर ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। जमानत याचिका में मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के पूर्व प्रधान सचिव ने बताया है कि प्रवर्तन निदेशालय उन्हें मामले में फंसाने का प्रयास कर रहा है। शिवशंकर ने जोर देकर कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी रिपोर्ट में मेरे चार्टर्ड एकाउंटेंट के साथ मेरे बातचीत का उल्लेख किया था। लेकिन मेरा सोना तस्कारी के मामले में कोई हाथ नहीं है।  उन्होंने कहा कि मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश ने बैंक में लॉकर खोलने के लिए मेरी मदद मांगी। मैंने अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट के साथ इसके मामले पर बातचीत की थी। लेकिन प्रवर्तन निदेशालय ने तथ्यों को तोडमरोड़कर  आरोप लगाया कि सोना तस्करी के मामले में मेरा भी हाथ है। हालांकि प्रर्वतन निदेशालय ने आज शिवशंकर को पूछताछ के लिए समन दिया था लेकिन ईडी कायार्लय में उस समय उपस्थित नहीं थे।


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