मुंबई (मानवी मीडिया): सुशांत की मौत के मामले में मुंबई पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुंबई काइम ब्रांच ने फॉल्स टीआरपी रैकेट का खुलासा किया है। ये रैकेट फॉल्स रैकेट के जरिए करोड़ों रुपये के राजस्व का मुनाफा कमा रहा था। इस मामले में 2 लोग हिरासत में लिए गए हैं। पुलिस कमिश्नर ने सीधे तौर पर रिपब्लिक टीवी को आरोपी मानते हुए कहा कि ने पैसे देकर रेटिंग बढ़ाई गई है। इनके अलावा फख्त मराठी और बॉक्स सिनेमा का नाम सामने आया है। पुलिस कमिश्नर के मुताबिक ये चैनल पैसा देकर लोगों के घरों में चैनल चलवाते थे। इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और 8 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। इसकी जानकारी सूचना प्रसारण मंत्रालय और भारत सरकार को रिपब्लिक टीवी की जानकारी दी जाएगी। मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा कि यह अपराध है, चिटिंग है। हम इसे रोकने के लिए जांच कर रहे हैं। परमबीर सिंह ने कहा कि यह अपराध है, बेईमानी है। हम इसे रोकने के लिए जांच कर रहे हैं। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है। जो आरोपी पकड़े गए हैं, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके मालिक को कस्टडी में लिया गया है। आईपीसी की धारा 409 और 420 के तहत गिरफ्तारियां की गईं हैं। इनके ऊपर ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
कमिश्नर ने बताया कि जांच के दौरान ऐसे घर मिले हैं, जहां टीआरपी का मीटर लगा होता था। इन घरों के लोगों को पैसे देकर दिनभर एक ही चैनल चलवाया जाता था, ताकि चैनल की टीआरपी बढ़े। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ घर तो ऐसे पता चले हैं, जो बंद थे, उसके बावजूद अंदर टीवी चलते थे। एक सवाल के जवाब में कमिश्नर ने यह भी कहा कि इन घर वालों को चैनल या एजेंसी की तरफ से रोजाना 500 रुपए तक दिए जाते थे। टेलीविजन विज्ञापन इंडस्ट्री करीब 30 से 40 हजार करोड़ रुपये की है। विज्ञापन की दर टीआरपी रेट के आधार पर तय किया जाता है। किस चैनल को किस हिसाब से विज्ञापन मिलेगा यह तय किया जाता है। अगर टीआरपी में बदलाव होता है तो इससे रेवेन्यू पर असर पड़ता है। कुछ लोगों को इससे फायदा होता है और कुछ लोगों को इससे नुकसान होता है। उधर, रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, 'मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं, क्योंकि हमने सुशांत सिंह राजपूत केस में उनकी जांच पर सवाल उठाए थे।'