दिल्ली (मानवी मीडिया): लोन मोरेटोरियम का लाभ उठाने वालों के लिए केंद्र सरकार ने बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा कि बैंकों से दो करोड़ रुपये तक के लोन पर 'ब्याज पर ब्याज' नहीं वसूला जाएगा। केंद्र सरकार खुद ही इसका बोझ उठाएगी। अब खबर आ रही है कि जिन्होंने लोन मोरेटोरियम का लाभ नहीं लिया है और समय पर लोन रिपेमेंट किया है, उन्हें भी केंद्र सरकार की तरफ से भरपाई की जाएगी। केंद्र सरकार कैशबैक जैसे विकल्प चुन सकती है इसके लिए भी लोन की लिमिट 2 करोड़ रुपए होगी और इसमें व्यक्तिगत स्तर पर या MSME को दिए गए लोन को ही शामिल किया जाएगा। केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी को सामान लाभ ही मिले मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगर इन कर्जदारों ने मोरेटोरियम का विकल्प चुना होता तो उन्हें कुछ लाभ जरूर मिलता। केंद्र सरकार अब यह लाभ उन लोगों तक पहुंचाना चाहती है, जिन्होंने समय पर लोन रिपेमेंट जारी रखा है। जिन लोगों ने समय पर अपने बकाये का भुगतान किया है, उन्हें इसका लाभ नहीं देना अनुचित होगा। हालांकि, अभी इसपर कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है, फिलहाल इसका खाका तैयार किया जा रहा है।
अगर सुप्रीम कोर्ट ब्याज पर ब्याज माफ करने की बात को मंजूर कर लेता है और ऐसे उधारकर्ताओं के आंकड़े आ जाते हैं तो सरकार की तरफ से इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे कोरोना महामारी की मार से जूझ रहीं बिजली वितरण कंपनियों कोबता दें कि बीते समय में कुछ राज्यों द्वारा कृषि लोन माफ किए जाने के बाद केंद्र और आरबीआई ने कहा था कि ऐसा करने से ईमानदार उधारकर्ताओं के साथ ठीक नहीं हो रहा है।अधिकारियों का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने पूरे 6 महीने के दौरान मोरेटोरियम का विकल्प नहीं चुना। वहीं, कुछ ऐसे उधारकर्ता भी रहे, जिन्होंने कुछ ही समय के लिए मोरेटोरियम का लाभ लिया। सूत्रों ने बताया है कि यह एक जटिल कैलकुनेशन है और फिलहाल सरकार के पास इससे जुड़े सभी आंकड़े मौजूद नहीं है।