दिसपुर (मानवी मीडिया); कोरोना वायरस से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। इसका सबसे ज्यादा बुरा असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। सैकड़ों हजारों लोगों को या तो नौकरी से हाथ धोना पड़ा या वेतन भुगतान में कमी आई है। ऐसी ही कहानी रामानन्द सरकार की है, जो आजीविका के लिए हर दिन अपना जीवन जोखिम में डालकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। असम के इस शख्स ने कोरोना से मरे 400 से ज्यादा लोगों का किया अंतिम संस्कार, जानें कहानी यह 43 वर्षीय व्यक्ति उत्तर-पूर्वी असम के अपने सुदूर गांव से उस समय भाग गए थे जब वह लोन चुकाने में असमर्थ हो गए थे। खबर के मुताबिक गन्ने का रस बेचने का काम शुरू करने के लिए उन्होंने कर्ज लिया था। असम की राजधानी दिसपुर आने के बाद भी उन्हें पर्याप्त काम खोजने में परेशानी का सामना करना पड़ा। कोरोना से अस्पतालों में हुई मौतों की जांच के लिए दिल्ली सरकार ने विशेषज्ञों की टीम बनाईहिन्दू मान्यता के अनुसार अंतिम संस्कार का अधिकार पवित्र है और यह मृत आत्मा को पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त करता है। जो लोग यह काम करते हैं, उन्हें नीचा देखा जाता रहा है। रामानन्द सरकार दो साल पहले गुवाहाटी के श्मशान घाट पर गए और लोगों का अंतिम संस्कार करने का काम शुरू कर दिया था। रामानन्द सरकार ने महामारी के इस दौर में 400 से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार किया है और इन सभी की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई थी। जब रामानन्द सरकार से बात की गई तो उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता कि लोग उनसे नफरत क्यों करते हैं। वह मृत शरीर को जलाता हैं इसलिए? अगर वह नहीं करेंगे तो कौन करेगा? ।
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Tuesday, October 6, 2020
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लोन की किस्त नहीं भर पाया तो उठाया बड़ा कदम, कोरोना से मरने वाले 400 से ज्यादा लोगों का किया अंतिम संस्कर
लोन की किस्त नहीं भर पाया तो उठाया बड़ा कदम, कोरोना से मरने वाले 400 से ज्यादा लोगों का किया अंतिम संस्कर
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