वाशिंगटन (मानवी मीडिया): कोरोना वायरस पर हो रहे नए-नए शोध और अध्ययनों से आम लोगों के साथ-साथ वैज्ञानिकों की भी चिंता बढ़ती जा रही है। अब कोविड-19 पर हुई एक और स्टडी में चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। शोध में बताया गया है कि कोरोना सबसे ज्यादा अविवाहित लोगों के लिए जान का खतरा बन रहा है। स्वीडन की स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी (Stockholm University) के शोधकर्ता स्वेन ड्रेफॉल (Sven Drefahl) को अध्ययन के दौरान बहुत ही चौंकाने वाली बात पता चली है। ड्रेफॉल के अनुसार, कम आय, शिक्षा का निम्न स्तर, अविवाहित और कम या मध्यम आय वाले देशों में पैदा होने वाले जैसे कुछ ऐसे फैक्टर हैं
जो इन लोगों में कोरोना से मरने का सबसे ज्यादा जोखिम बढ़ा रहे हैं। खबर के मुताबिक यह अध्ययन स्वीडन में महामारी से मरे 20 और उसके अधिक उम्र के व्यस्कों के स्वीडिश नेशनल बोर्ड ऑफ हेल्थ एंड वेलफेयर में पंजीकृत मौतों के आकड़ों पर आधारित है। नेचर कम्युनिकेशंस नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में, ड्रेफॉल ने बताया कि विदेश में पैदा होने वाले लोगों की स्वीडन में जन्म लेने वाले लोगों की तुलना में मृत्यु दर कम है। वहीं, कम आय और शिक्षा का निम्न स्तर भी लोगों में कोरोना से मरने का जोखिम बढ़ा रहा है। वहीं महिलाओं की तुलना में पुरुषों के कोरोना से मरने का खतरा दोगुना है जो पिछले कई अध्ययनों में बताया गया है। कोरोना से जुड़ी इस शोध ने बढ़ाई कुवारों की चिंता, खबर के मुताबिक अध्ययन में सामने आया कि अविवाहित पुरुषों और महिलाओं में विवाहितों की तुलना में कोविड-19 से मरने का जोखिम डेढ़ से दोगुना ज्यादा है। वहीं, विवाहित पुरुषों की तुलना में अविवाहित पुरुषों का मृत्युदर अधिक है जिसका कारण बायोलॉजी और लाइफस्टाल जैसे फैक्टर हैं।