नई दिल्ली (मानवी मीडिया) : कृषि बिलों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच आज हुई वार्ता बेनतीजा रहा है। अभी तक जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक सात किसान संगठनों के प्रतिनिधि आज दिल्ली में कृषि मंत्रालय पहुंचे जहां अधिकारियों के साथ उनकी बैठक हुई। मंत्रालय में बात करने के बाद किसान प्रतिनिधि बाहर आए और उन्होंने बताया कि मंत्रालय के लोगों ने उन्हें सिर्फ बिल को समझाने की कोशिश की, लेकिन ये नहीं बताया कि विवादित विषयों को कानून से हटाया जाएगा या नहीं। इसलिए आज की बैठक बेनतीजा रहा है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक कृषि मंत्रालय की ओर से संजय अग्रवाल ने इस बैठक में हिस्सा लिया और संगठनों की बात सुनी। पंजाब से जो लोग किसान यूनियन की ओर से शामिल हुए, उनमें बलवीर सिंह राजेवाल, जगरूप सिंह, कुलवंत सिंह, दर्शन पाल, जगजीत सिंह, सतनाम सिंह, सुरजीत सिंह फूल शामिल हैं।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक बैठक से बाहर निकले किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने नए कानून की प्रतियां फाड़ डाली और ऐलान किया कि संघर्ष जारी रखेगा। किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार के किसी भी मंत्री को पंजाब में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। आज की बैठक किसानों के साथ एक मजाक थी। उल्लेखनीय है कि केंद्र ने किसानों को वार्ता के लिए 2 बार बुलाया। पहली बार तो किसानों ने मिलने से भी इंकार किया था लेकिन आज की बैठक में भाग लेने के लिए किसानों न हामी भरी थी। उसी हामी के बाद किसान संगठनोंके प्रतिनिधि आज दिल्ली पहुंचे थे। किसान नेता राजेवाल ने कहा कि अफसर तो कानून को अमलीजामा पहनाने के लिए हैं और उनके पास बिल वापस लेने का अधिकार ही नहीं है और यह अधिकार केवल मंत्रियों के पास है।