नई दिल्ली (मानवी मीडिया): उत्तर प्रदेश के एडीजीपी प्रशांत कुमार ने एक दिन पहले यह दावा किया था कि फोरेंसिक रिपोर्ट में हाथरस की पीड़िता के साथ दुष्कर्म का जिक्र नहीं किया गया है, इस पर कांग्रेस ने शुक्रवार को आईपीएस अधिकारी को लॉ स्कूल में वापस जाने और खुद को 2013 में संबंधित कानून में किए गए संशोधन को लेकर अपडेट करने के लिए कहा।पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, उप्र के एडीजीपी को कानून स्कूल वापस जाने और 2013 में भारतीय दंड संहिता (दुष्कर्म) की धारा 375 में किए गए संशोधन पर खुद को अपडेट करने की सलाह दी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “उन्हें संशोधन से पहले दुष्कर्म क्या था उन्हें यह भी जानने के लिए ‘उप्र राज्य बनाम बाबुल नाथ’ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पढ़ना चाहिए। वीर्य के निशान का अभाव कोई प्रासंगिकता नहीं है।” तिहाड़ में पहला दिन: चिदंबरम ने थोड़ा सैर की, दलिया खाया, किताब पढ़ी और बेटे से मुलाकात की चिदंबरम, जो सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं, उन्होंने आगे कहा, “उप्र पुलिस अपने आप में एक कानून है। एडीजीपी ने एक कोर्ट की भूमिका निभाई है और कानून के बेतुके प्रस्तावों की कलात्मक व्याख्या कर रहे हैं, जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित कानून के विपरीत हैं।”अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) ने बयान में कहा था, “फोरेंसिक रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि शरीर पर कोई वीर्य नहीं पाया गया।
हमें लगता है कि कुछ लोगों ने स्थिति का फायदा उठाया, सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की और इसे जाति को लेकर संघर्ष के रूप में पेश किया। हम इसकी जांच कर रहे हैं और उन लोगों को गिरफ्तार करेंगे जो माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।”पुलिस अधिकारी ने फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला दिया और दावा किया कि मंगलवार को आघात के कारण 19 वर्षीय युवती की मौत हो गई। पीड़िता को मिले उपचार को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर कांग्रेस उंगली उठा रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया है।हाथरस कांड: कांग्रेस की यूपी एडीजीपी को नसीहत, वापस लॉ स्कूल जाकर दुष्कर्म पर कानून पढ़िएकांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, “इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ का एक मजबूत और उत्साहजनक आदेश। पूरा देश हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहा है। यूपी सरकार द्वारा उसके परिवार के साथ किए गए काले, अमानवीय और अन्यायपूर्ण कृत्य के बीच हाईकोर्ट का आदेश आशा की किरण की तरह है।” वहीं गुरुवार को पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस पहुंचने की कोशिश कर रहे कांग्रेस नेताओं को आगे नहीं बढ़ने दिया गया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा दोनों पर 150 से अधिक पार्टी कार्यकतार्ओं के साथ महामारी रोग अधिनियम और अन्य कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है।