बारामूला (मानवी मीडिया): जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन संदिग्ध आतंकवादियों के मारे जाने के बाद उन्हें अपना बेटा बताने वाले परिवारों को सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रविवार को तीनों युवकों के शव कब्र से निकालकर साैंप दिये गये। पुलिस उपायुक्त (डीसी) बारामूला डॉ. जी एन इट्टू ने बताया कि आज सुबह युवकों के परिवार के सदस्यों के अलावा एक मजिस्ट्रेट और डॉक्टरों की मौजूदगी में शवों को कब्र से बाहर निकाला गया।इट्टू ने कहा कि बाद में शवों को राजौरी पुलिस के अनुरक्षण में शोपियां मुगल रोड के रास्ते राजौरी से भेजा गया है। उनके आज शाम तक रजौरी पहुंचने की संभावना है। सरकार के निर्देश पर शवों को निकाला गया और डीएनए सैंपल मिलान के बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार वास्तव में राजौरी के मजदूर थे जो 17 जुलाई को शोपियां से लापता थे। बाद में 18 जुलाई को सेना ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में एक मुठभेड़ में तीन अज्ञात विदेशी आतंकवादियों को मारने का दावा किया। इसके करीब एक महीने बाद तीन लापता मजदूरों के परिजनों ने दावा किया कि मृतक उनके बेटे थे जो काम के लिए शोपियां गए थे। पुलिस ने बताया कि शवों पर किसी का दावा नहीं होने पर पुलिस ने उनके डीएनए नमूने लेने के बाद तीनों शवों को बारामूला में दफना दिया था। इसके बाद सेना ने तुरंत घटना की जांच के आदेश दिए तथा पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आश्वासन दिया कि मामले में प्राथमिकता देते हुए न्याय किया जाएगा।पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने घोषणा की कि शवों को कानूनी औपचारिकताओं के बाद उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा। पुलिस ने सेना को उनके आतंकवादी होने की जानकारी देने वाले दो मुखबिरों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।
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Saturday, October 3, 2020
J-K: राजौरी के तीन युवकों के शव कब्र से निकालकर परिजनों को सौंपे गए.
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