हाथरस केस में आया नया मोड़ः आरोप संदीप ने जेल से एसपी को लिखा पत्र, कहा- 'हम निर्दोष, पीड़िता को उसके भाई और मां ने मारा' - मानवी मीडिया

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Thursday, October 8, 2020

हाथरस केस में आया नया मोड़ः आरोप संदीप ने जेल से एसपी को लिखा पत्र, कहा- 'हम निर्दोष, पीड़िता को उसके भाई और मां ने मारा'

हाथरस (मानवी मीडिया) : उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड में आए दिन नए मोड़ आ रहे हैं। इस केस में मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर ने हाथरस के एसपी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उसने कहा कि वह निर्दोष हैं औऱ पूरा मामला ऑनर किलिंग का है। जेल से भेजे गए पत्र में उसने लिखा कि मृतक पीड़िता की उससे अच्छी दोस्ती थी। पीड़िता के घरवालों को यह बात मंजूर हीं थी। पूरा परिवार इसे लेकर नाराज था। उन्होंने परिवारवालों पर ही पीड़िता को मारने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं 14 सितंबर के दिन वह मृतका से खेत में मिला था और उस वक्त उसके भाई और मां भी थीं, लेकिन मृतका ने मुझे तुरंत वहां से भेज दिया। इसके बाद मां और भाई ने उसकी पिटाई की।आरोपी   संदीप ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी। वह मृतका से मुलाकात करता था और फोन पर बात भी करता था। लेकिन, यह बात उसके परिवार को पसंद नहीं थी। घटना वाले दिन भी खेत में मुलाकात हुई थी, लेकिन उसने मुझे वहां से जाने को कह दिया, इसके बाद मैं घर चला आया। बाद में मुझे गांव वाले से पता चला कि मृतका की मां और उसके भाई ने उसके साथ मारपीट की है। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। संदीप ने अपने पत्र में खुद को और तीन अन्य लोगों को निर्दोष बताते हुए मृतका की मां और भाई पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। साथ ही न्याय की गुहार भी लगाई है।


गौरतलब है इससे पहले भी मीडिया के हाथ लगी मृतका के भाई की कॉल डिटेल्स से पता चला है कि अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 के बीच आरोपी संदीप के फोन पर बात हुई। यह बात करीब 104 बार की गई। इतना ही नहीं ज्यादातर कॉल आधी रात के बाद किए गए। इस बीच, आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे जेल में सुरक्षित नहीं हैं। परिवारीजनों ने खतरे की आशंका जताई है। आरोपी रामू की भाभी ने कहा कि जेल में नेता मिलने जा रहे हैं। यह कहा जाता है कि जेल में सुरक्षा होती है, लेकिन उनके बच्चों को जेल में भी खतरा है। जब वे लोग यहां सब काम करवा रहे हैं तो जेल में भी करा देंगे।बता दें कि जेल अधीक्षक आलोक सिंह के अनुसार, जेल मैनुअल के अनुसार किसी भी बंदी को जेल से बाहर चिट्ठी भेजने का अधिकार है। कल दोपहर में यह चिट्ठी लिफाफा बंद कराकर उपलब्ध कराई गई जो शाम तक हाथरस के एसपी को दी गई।   


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