लखनऊ (मानवी मीडिया) : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दलित समुदाय की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के बाद तेजी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच पुलिस ने जिले के चंदपा थाने में जाति आधारित संघर्ष की साजिश, सरकार की छवि बिगाड़ने के प्रयास और माहौल बिगाड़ने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदेश भर में इस संबंध में कुल 21 मुकदमे दर्ज किये गये हैं। दिल्ली से हाथरस जा रहे एक संगठन से जुड़े चार युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार के मुताबिक हाथरस प्रकरण में हाथरस जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में छह मुकदमों के अलावा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर, प्रयागराज, हाथरस, अयोध्या, लखनऊ आयुक्तालय में कुल 13 मामले दर्ज किये गये हैं। दिल्ली से हाथरस की तरफ जा रहे चार संदिग्धों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ़तार किया गया है।
पुलिस का आरोप है कि ये लोग हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश को जलाने की साजिश में शामिल हैं। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा है कि न केवल देश और प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक दंगे फैलाने की साजिश रची जा रही है बल्कि इसकी नींव रखने के लिए विदेश से फंडिंग भी हो रही है। कुमार ने बताया कि सोमवार को पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति दिल्ली से हाथरस की तरफ जा रहे हैं। इस पर टोल प्लाजा मांट के पास संदिग्ध वाहनों की चेकिंग की गई। स्विफ़्ट डिजायर गाड़ी में सवार चार युवकों को रोक कर पूछताछ की गई तो उनका संबंध पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) एवं उसके सहयोगी संगठन कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआई) से होने की जानकारी मिली। पकड़े गये युवकों में मुजफ्फरनगर के नगला का रहने वाला अतीकउर्ररहमान मल्लपुरम का निवासी सिद़दीकी, बहराइच जिले के जरवल का निवासी मसूद अहमद और रामपुर जिले की कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले आलम को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उनके कब्जे से मोबाइल, लैपटाप और शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला संदिग्ध साहित्य भी बरामद किया गया है। पुलिस की ओर से चंदपा थाने में रविवार की शाम को प्राथमिकी दर्ज कराई गई जिसमें देश की एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने (राजद्रोह) से लेकर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने जैसे कई गंभीर आरोपों की धारा शामिल है। चंदपा थाने में ही रविवार और सोमवार को राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी सरकारी कार्य में व्यवधान और निषेधाज्ञा के उल्लंघन जैसे आरोपों में अलग-अलग मुकदमा दर्ज कराया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को चंदपा थाने में दर्ज मुकदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पोस्टरों, सोशल मीडिया पोस्ट से माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।