हाथरस (मानवी मीडिया): चंदपा थाना क्षेत्र के बुलगढ़ी गांव में दलित बिटिया के साथ दरिंदगी (हाथरस कांड) में शुरुआत से ही पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में रही है। अब इस मामले में पुलिस की एक और लापरवाही सामने आई है। अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों में से एक की हाईस्कूल की मार्कशीट सामने आई है। मार्कशीट के मुताबिक ये आरोपी नाबालिग है। बावजूद इसके पुलिस ने बिना छानबीन के उसे अलीगढ़ जेल भेज दिया, जबकि कानून के मुताबिक उसे बाल सुधार गृह भेजा जाना चाहिए था। इतना ही नहीं आरोपी की पहचान भी उजागर कर दी गई।हाथरस प्रतीकात्मक तस्वीर आरोपियों के घर पूछताछ करने पहुंची सीबीआई टीम के हाथ एक आरोपी की हाईस्कूल की मार्कशीट लगी है, जिसमें वह नाबालिग निकला। इसके बाद सीबीआई ने सस्पेंडेड पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की।
सोमवार देर रात तक सीबीआई की टीम ने कोतवाली चंदपा में सस्पेंड किए गए सीओ रामशब्द, इंस्पेक्टर डीके वर्मा और हेड मोहर्रर महेश पाल से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की जिसके बाद अहम साक्ष्य जुटाने के बाद कैंप ऑफिस लौट गई।बता दें कि इससे पहले सोमवार को दिन में सीबीआई की एक टीम ने पीड़िता का इलाज करने वाले अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से भी मुलाक़ात की और पूछताछ कर जानकारी हासिल की। इसके बाद सीबीआई की टीम अलीगढ़ जेल पहुंची, जहां चारों आरोपी बंद हैं। सीबीआई की टीम ने चारों आरोपियों से मैराथन पूछताछ की। गौरतलब है कि पिछले 8 दिनों से सीबीआई इस मामले में तेजी से जांच में जुटी है। उधर, एसआईटी भी अपनी जांच रिपोर्ट 21 अक्टूबर को सौंपेगी।