ग्रामीण अंचलों की गरीब महिलाओं को आर्थिक रूप से सम्पन्न एवं स्वाबलम्बी बनाने में एन0आर0एल0एम0 की महत्वपूर्ण भूमिका लखनऊ (मानवी मीडिया) समाज में रहने वाले हर महिला व पुरूष को किसी न किसी स्तर पर अपना जीवनयापन करने के लिए जीविकोपार्जन का साधन चुनना पड़ता है। आज स्वरोजगार, बेरोजगारी दूर करने का एक अति उत्तम विकल्प है, जिससे देश की उन्नति भी होती है और स्वयं के लिए कार्य करते अर्थोपार्जन करना अपने आप में एक चुनौती भी है और प्रसन्नता भी होती है। यदि जीविकोपार्जन के लिए कार्य समूह में किया जाता है तो निश्चय ही समूह से व्यक्ति समृद्धि की ओर बढ़ता है। दीन दयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन, गरीबी उन्मूलन के लिए भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके अन्तर्गत समूहों के माध्यम से स्वरोजगार स्थापित कराकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का क्रियान्वयन प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्ददेश्य है कि उ0प्र0 राज्य में रह रहे ग्रामीण गरीब परिवारों की कम से कम एक महिला सदस्य को समूह एवं अन्य सामुदायिक संस्था के माध्यम से संगठित कर उन्हें स्वाबलम्बी बनाना है। गरीबों के लिए विद्यमान आजीविका विकल्पों में वृद्धि करना बाहरी क्षेत्रों में रोजगार के अनुसार उनका कौशल विकास करना और स्वरोजगार एवं लद्यु उद्यमों के लिए प्रोत्साहित करना मिशन के आधारभूत कार्य है। प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 राज्य आजीविका मिशन का क्रियान्वयन इन्टेन्सिव रणनीति के अन्तर्गत राज्य के समस्त जनपदों के 592 विकास खण्डों के माध्यम से ग्राम पंचायतों मंे संचालित है। वर्तमान में कुल 371777 स्वयं सहायता समूहों का गठन करते हुए उनकों 15945 ग्राम संगठनों एवं 775 संकुल स्तरीय संघों से आच्छादित किया गया है। आजीविका सम्बंधित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने हेतु माननीय प्रधानमंत्री की प्ररेणा से ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय समावेश की दिशा में प्रदेश के मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में मिशन निरन्तर प्रगति की तरफ अग्रसर है, मिशन के अंतर्गत अभी तक कुल 241732 स्वयं सहायता समूहों को रिवाॅल्विंग फण्ड, 141709 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि एवं 116133 स्वयं सहायता समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज द्वारा आच्छादित किया जा चुका है। कोविड-19 के दौरान मुख्यमंत्री ने रोजगार सृजित करने और समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत कराने पर बल दिया है। सम्पूर्ण प्रदेश में ग्राम स्तर पर जागरूकता के साथ-साथ बड़े स्तर पर मास्क एवं पी0पी0ई0 किट आदि बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है। खादी विभाग से कपड़े की आपूर्ति के माध्यम से 19275 स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा 94.19 लाख मास्क एवं 1223 सदस्यों द्वारा 50591 पी0पी0ई0 किट आदि का निर्माण कर देश मंे सर्वाधिक मास्क एवं पी0पी0ई0 किट बनाने, 470 स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा 13075 लीटर सेनेटाइजर आदि बनाने का देश में कीर्तिमान स्थापित किया गया है। मिशन द्वारा पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, विकास भवन तथा अन्य विभागों के स्टाॅफ को भी मास्क उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश के सभी जनपदों मंे खाद्यान्न वितरण के दौरान करोना वायरस के रोकथाम हेतु सम्बंधित कोटेदार एवं विभागीय स्टाफ को 78489 मास्क उपलब्ध कराये जा चुके है। गरीब एवं मजदूर वर्ग के दृष्टिगत स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा प्रदेश में कुल 793 कम्युनिटी किचेन के माध्यम से 31363 पैकेट भोजन की उपलब्धता गरीब एवं वंचित लोगों को सुनिश्चित की गयी है। स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा ग्राम स्तर पर गरीब परिवारों को इस महामारी के समय 31461 फूड पैकैट्स खाद्यन्न की उपलब्ता करायी गयी। प्रदेश के मुख्यमंत्री के कुशल निर्देशन में प्रदेश में निरन्तर आने वाले प्रवासी श्रमिकों को उनसे सम्बन्धित क्षेत्र में ही स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आजीविका सम्बन्धी गतिविधियों से जोड़ने सम्बन्धित कार्यवाही त्वरित गति से चल रही है। पंचायती राज एवं राहत आयुक्त द्वारा उपलब्ध कुल डाटा 1196470 प्रवासी श्रमिकों में से 450465 श्रमिकों की मैेपिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जिनमें से 182780 स्किल्ड श्रमिकों को उनके स्किल के अनुसार रोजगार सृजन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उक्त में से कुल 29552 प्रवासी परिवारों की महिला सदस्यों को स्वयं सहायता समूहों से आच्छादन करते हुए अजीविका संवर्धन सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी आय मेें वृद्धि हेतु कार्य किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारत सरकार से अब तक 400 करोड़ रूपये प्रथम किस्त के रूप में प्राप्त हुए हैं। कोविड-19 से प्रभावित परिवारों एवं प्रवासी श्रमिकों को आय सृजन एवं रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में वित्तीय समावेश के द्वारा प्रदेश के समस्त 75 जनपदों के 31938 पात्र स्वयं सहायता समूहों को 218.48 करोड़ रूपये मुख्यमंत्री के कर कमलों द्वारा 21 मई, 2020 को आॅनलाइन माध्यम से निर्गत की गई है। जिससे कुल लगभग 3.42 लाख परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित किया गया है। --- - मानवी मीडिया

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Tuesday, October 20, 2020

ग्रामीण अंचलों की गरीब महिलाओं को आर्थिक रूप से सम्पन्न एवं स्वाबलम्बी बनाने में एन0आर0एल0एम0 की महत्वपूर्ण भूमिका लखनऊ (मानवी मीडिया) समाज में रहने वाले हर महिला व पुरूष को किसी न किसी स्तर पर अपना जीवनयापन करने के लिए जीविकोपार्जन का साधन चुनना पड़ता है। आज स्वरोजगार, बेरोजगारी दूर करने का एक अति उत्तम विकल्प है, जिससे देश की उन्नति भी होती है और स्वयं के लिए कार्य करते अर्थोपार्जन करना अपने आप में एक चुनौती भी है और प्रसन्नता भी होती है। यदि जीविकोपार्जन के लिए कार्य समूह में किया जाता है तो निश्चय ही समूह से व्यक्ति समृद्धि की ओर बढ़ता है। दीन दयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन, गरीबी उन्मूलन के लिए भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके अन्तर्गत समूहों के माध्यम से स्वरोजगार स्थापित कराकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का क्रियान्वयन प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्ददेश्य है कि उ0प्र0 राज्य में रह रहे ग्रामीण गरीब परिवारों की कम से कम एक महिला सदस्य को समूह एवं अन्य सामुदायिक संस्था के माध्यम से संगठित कर उन्हें स्वाबलम्बी बनाना है। गरीबों के लिए विद्यमान आजीविका विकल्पों में वृद्धि करना बाहरी क्षेत्रों में रोजगार के अनुसार उनका कौशल विकास करना और स्वरोजगार एवं लद्यु उद्यमों के लिए प्रोत्साहित करना मिशन के आधारभूत कार्य है। प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 राज्य आजीविका मिशन का क्रियान्वयन इन्टेन्सिव रणनीति के अन्तर्गत राज्य के समस्त जनपदों के 592 विकास खण्डों के माध्यम से ग्राम पंचायतों मंे संचालित है। वर्तमान में कुल 371777 स्वयं सहायता समूहों का गठन करते हुए उनकों 15945 ग्राम संगठनों एवं 775 संकुल स्तरीय संघों से आच्छादित किया गया है। आजीविका सम्बंधित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने हेतु माननीय प्रधानमंत्री की प्ररेणा से ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय समावेश की दिशा में प्रदेश के मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में मिशन निरन्तर प्रगति की तरफ अग्रसर है, मिशन के अंतर्गत अभी तक कुल 241732 स्वयं सहायता समूहों को रिवाॅल्विंग फण्ड, 141709 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि एवं 116133 स्वयं सहायता समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज द्वारा आच्छादित किया जा चुका है। कोविड-19 के दौरान मुख्यमंत्री ने रोजगार सृजित करने और समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत कराने पर बल दिया है। सम्पूर्ण प्रदेश में ग्राम स्तर पर जागरूकता के साथ-साथ बड़े स्तर पर मास्क एवं पी0पी0ई0 किट आदि बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है। खादी विभाग से कपड़े की आपूर्ति के माध्यम से 19275 स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा 94.19 लाख मास्क एवं 1223 सदस्यों द्वारा 50591 पी0पी0ई0 किट आदि का निर्माण कर देश मंे सर्वाधिक मास्क एवं पी0पी0ई0 किट बनाने, 470 स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा 13075 लीटर सेनेटाइजर आदि बनाने का देश में कीर्तिमान स्थापित किया गया है। मिशन द्वारा पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, विकास भवन तथा अन्य विभागों के स्टाॅफ को भी मास्क उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश के सभी जनपदों मंे खाद्यान्न वितरण के दौरान करोना वायरस के रोकथाम हेतु सम्बंधित कोटेदार एवं विभागीय स्टाफ को 78489 मास्क उपलब्ध कराये जा चुके है। गरीब एवं मजदूर वर्ग के दृष्टिगत स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा प्रदेश में कुल 793 कम्युनिटी किचेन के माध्यम से 31363 पैकेट भोजन की उपलब्धता गरीब एवं वंचित लोगों को सुनिश्चित की गयी है। स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा ग्राम स्तर पर गरीब परिवारों को इस महामारी के समय 31461 फूड पैकैट्स खाद्यन्न की उपलब्ता करायी गयी। प्रदेश के मुख्यमंत्री के कुशल निर्देशन में प्रदेश में निरन्तर आने वाले प्रवासी श्रमिकों को उनसे सम्बन्धित क्षेत्र में ही स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आजीविका सम्बन्धी गतिविधियों से जोड़ने सम्बन्धित कार्यवाही त्वरित गति से चल रही है। पंचायती राज एवं राहत आयुक्त द्वारा उपलब्ध कुल डाटा 1196470 प्रवासी श्रमिकों में से 450465 श्रमिकों की मैेपिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जिनमें से 182780 स्किल्ड श्रमिकों को उनके स्किल के अनुसार रोजगार सृजन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उक्त में से कुल 29552 प्रवासी परिवारों की महिला सदस्यों को स्वयं सहायता समूहों से आच्छादन करते हुए अजीविका संवर्धन सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी आय मेें वृद्धि हेतु कार्य किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारत सरकार से अब तक 400 करोड़ रूपये प्रथम किस्त के रूप में प्राप्त हुए हैं। कोविड-19 से प्रभावित परिवारों एवं प्रवासी श्रमिकों को आय सृजन एवं रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में वित्तीय समावेश के द्वारा प्रदेश के समस्त 75 जनपदों के 31938 पात्र स्वयं सहायता समूहों को 218.48 करोड़ रूपये मुख्यमंत्री के कर कमलों द्वारा 21 मई, 2020 को आॅनलाइन माध्यम से निर्गत की गई है। जिससे कुल लगभग 3.42 लाख परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित किया गया है। ---


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