ग़ज़ल :बलजीत सिंह बेनाम की - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Monday, October 12, 2020

ग़ज़ल :बलजीत सिंह बेनाम की

हरियाणा (मानवी मीडिया)  बेबसी ज़ाहिर न करना हर किसी के सामने मशवरा अच्छा बहुत है आप ही के सामने  कोशिशें कर ले कोई जितनी झुकाने की मगर सर हमारा बस झुकेगा हाँ नबी के सामने  ज़िंदगी बर्ताव उससे नौकरों सा करती है टेक देता है जो घुटने ज़िंदगी के सामने  बाद मुद्दत के तेरे चेहरे पे आई है हँसी हर ख़ुशी क़ुर्बान मेरी हर ख़ुशी के सामने


Post Top Ad