नई दिल्ली (मानवी मीडिया): पूरे विश्व में कोरोना का प्रकोप जारी है। कई एक्सपर्ट पहले ही कह चुके हैं कि ठंड के मौसम में कोरोना वायरस के मामले पहले से ज्यादा आ सकते हैं। वहीं, एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने अब एक और चेतावनी जारी करते हुए कहा कि प्रदूषण में हल्की सी भी वृद्धि कोरोना के मामलों को और बढ़ा सकती है। डॉक्टर गुलेरिया के मुताबिक प्रदूषण के पीएम 2.5 स्तर में मामूली बढ़ोतरी भी कोरोना वायरस के मामलों को 8-9 फीसदी तक बढ़ा सकती है। कोरोना के साथ प्रदूषण बढ़ने से फेफड़ों और श्वसन संबंधी बीमारियां भी और बढ़ सकती हैं। कोविड-19 पर एम्स के डायरेक्टर की चेतावनी, जून-जुलाई में चरम पर पहुंच सकती है महामारी एक चैनल को दिया इंटरव्यू में डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि सर्दियों के महीनों के दौरान लोगों को बहुत सावधानी रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'चीन और इटली के डेटा बताते हैं कि जिन क्षेत्रों में जहां पीएम 2.5 के स्तर में थोड़ी भी वृद्धि हुई है, वहां कोरोना के मामलों में कम से कम 8-9 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई हैं।'
भारत में कोरोना होगा और भयानक! AIIMS के डायरेक्टर ने दी ये चेतावनीडॉक्टर गुलेरिया ने कहा, 'सर्दियों के मौसम में हमें घर में रहने की आदत होती है। घर में ज्यादा लोगों के रहने की वजह से संक्रमण एक से दूसरे में आसानी से फैल सकता है। सर्दियों में श्वसन वायरस भी आसानी से फैलता है। इसलिए ऐसे मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है।' प्रदूषण से हो सकती है 30 हजार लोगों की मौत, एम्स के डायरेक्टर की चेतावनी, 20 फीसदी बढ़ी मरीजों की तादादउन्होंने कहा, 'संक्रमण पर हमारे सर्विलांस डेटा से पता चलता है कि इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियां भारत में दो बार उभरती हैं, एक बार मॉनसून के मौसम में और एक बार ठंड में। कोरोना वायरस भी श्वसन वायरल संक्रमण है और लगभग इन्फ्लुएंजा की तरह ही व्यवहार करता है। मास्क, फिजिकल डिस्टेंस और हैंड हाइजीन का ध्यान रखते हुए इसे 30 से 40 फीसदी तक कम किया जा सकता है।'