नई दिल्ली (मानवी मीडिया): फरवरी में राजधानी दिल्ली के दंगों की दिल्ली पुलिस द्वारा जांच की जारी है, अब जब विदेशी फंडिंग की बात आई, तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में ईडी ने दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। कड़कड़ूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत ने पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के साथ-साथ सह-अभियुक्त अमित गुप्ता के खिलाफ दायर आरोपपत्र का संज्ञान लिया है। ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि जांच के दौरान, यह पता चला कि ताहिर हुसैन और उसके साथियों ने एक करोड़ और दस लाख रुपये धनशोधन किया हैं। दंगों के लिए जुटाए गए धन का उपयोग गोपन कंपनियों और डमी कंपनियों के माध्यम से नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों में किया गया था। दंगों की जांच के दौरान, दिल्ली पुलिस को पता चला कि दंगाइयों को बांटने के लिए ताहिर को विभिन्न संगठनों से बड़ी रकम मिली थी। यह आरोप लगाया जाता है कि ताहिर ने सीएए के विरोध और दंगों के लिए फर्जी कंपनियों के माध्यम से लगभग 1.16 करोड़ रुपये वितरित किए थे।
चार्जशीट के अनुसार, दंगे की तैयारी जनवरी में ही की गई थी और इस पैसे का इस्तेमाल दंगे के लिए घातक हथियार जैसे पेट्रोल, एसिड, पिस्तौल, गोली, तलवार और चाकू खरीदने के लिए किया गया था।प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट में दावा किया है कि इस मामले में ताहिर हुसैन के साथ अमित गुप्ता नाम का शख्स शामिल था जिनके नाम पर एक शेल कंपनी खोली गई और पैसे को इसमें स्थानांतरित कर दिया गया। आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि ताहिर हुसैन की साजिश के कारण फरवरी में हुए दंगों में 53 लोगों की जान चली गई, जबकि दो सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।दिल्ली दंगों के दौरान ताहिर हुसैन की छत पर बड़ी मात्रा में पेट्रोल बम, पत्थर और गुलेल के निशान मिले थे। इसके अलावा, दंगाइयों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बोतलें और कई सामान बरामद किए गए। ताहिर पर दिल्ली हिंसा का मास्टरमाइंड होने का आरोप है। ताहिर हुसैन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। हिंसा में मारे गए खुफिया ब्यूरो (आईबी) के कर्मचारी अंकित शर्मा के रिश्तेदारों ने ताहिर हुसैन पर हत्या का आरोप लगाया है।