चीन को एक और झटका, टेलीविजन सेट और टायर्स के बाद अब AC के आयात पर लगाया बैन   - मानवी मीडिया

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Friday, October 16, 2020

चीन को एक और झटका, टेलीविजन सेट और टायर्स के बाद अब AC के आयात पर लगाया बैन  

नई दिल्ली (मानवी मीडिया) : गलवान घाटी की हिंसा के बाद भारत और चीन के आर्थिक मोर्चे पर रिश्ते लगातार कमजोर होते जा रहे हैं। जहां आम जनता और व्यापारिक संगठन एंटी चीनी प्रोडक्ट का कैंपेन चलाए हुए हैं, वहीं दूसरी ओर भारत सरकार भी चीनी प्रोडक्ट और कंपनियों के प्रवेश पर रोक लगा रही है। अब भारत सरकार ने रेफ्रिजेरेटर, टेलीविजन सेट और टायर्स के बाद बुधवार को तत्काल प्रभाव से एयर कंडीशनर के आयात पर भी रोक लगाते हुए गजट नोटिफिकेश जारी कर दिया है। सरकार ने ऐसा गैर-आवश्यक सामान के आयात में कमी लाने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के मकसद से किया है।भारत का चीन को एक और झटका, एयर कंडीशनर के इंपोर्ट पर पाबंदी    विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, 'रेफ्रिजरेंट्स के साथ एयर कंडीशनर के आयात को लेकर नीति संशोधित की गई है। इसके तहत इसे मुक्त श्रेणी से हटाकर प्रतिबंधात्मक सूची में डाला गया है।' इसके साथ ही ये टायर, टीवी सेट और अगरबत्ती जैसे उत्पादों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिनके आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ है।एसी की पहचान घरेलू विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए संभावित वस्तुओं के रूप में की गई है क्योंकि इसका बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है। इसका घरेलू बाजार 5-6 बिलियन डॉलर का है। अलग-अलग, सेगमेंट के आधार पर, 85-100 प्रतिशत पुर्जों का आयात किया जाता है। इसका बाजार लगभग 2 बिलियन डॉलर का है।महिंद्रा ग्रुप के पवन गोयनका के नेतृत्व में मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के समूह द्वारा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के लिए तैयार की गई योजना के हिस्से के रूप में, थाईलैंड के साथ व्यापार समझौते पर दोबारा काम करने और शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया था। आयात प्रतिबंध को लागू करना उस योजना का हिस्सा है जिसके तहत भारत को विनिर्माण केंद्र के हब में बदलने पर जोर दिया जाएगा।अब अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का निर्यात किया जा सकेगा। कोरोना महामारी में भारत सहित पूरी दुनिया में हैंड सैनिटाइजर की मांग में बहुत इजाफा देखने को मिला है। वहीं भारतीय सैनिटाइजर कंपनियां अपने उत्पाद को दुनिया के बाजार में बेचना चाहती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह अहम फैसला लिया है। 


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