जेनेवा (मानवी मीडिया) : इस वक्त लगभग पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है। विश्व के तमाम बड़े विज्ञानिक कोरोना का इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं। वहीं कोरोना की लड़ाई में एक और बड़ा झटका लगा है। कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में अमेरीकी फार्मा कंपनी गिलियड की दवा रेमडेसिविर कुछ हद तक कारगर मानी जा रही थी, लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस दवा को कोरोना से होने वाली मौतों को रोकने में असफल करार दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे आने के बाद इसकी जानकारी दी। हाल ही में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना संक्रमित हो गए थे, तब उन्हें भी रेमडेसिविर का इंजेक्शन लगाया गया था।प्रतीकात्मक तस्वीर। बता दें कि इसमें रेमडेसिविर, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, एंटी एचआईवी ड्रग कॉम्बिनेशन लोपिनाविर-रिटोनाविर और इंटरफेरॉन शामिल हैं। इस परीक्षण में 30 देशों के 11,266 व्यस्क मरीजों को भी सम्मिलित किया गया था। अध्ययन में पाया गया कि कोरोना का इलाज कराने अस्पताल में लंबी अवधि के लिए भर्ती मरीजों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख सौम्या स्वामीनाथन ने बुधवार को कहा कि शोध के दौरान, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और लोपिनाविर-रिटोनाविर को जून में रोक दिया गया था, जब पता चला कि ये दवाई असरदार नहीं हैं। लेकिन दूसरे परीक्षण अन्य 500 अस्पतालों और 30 देशों में लगातार चलते रहे। एक मई को अमेरिका के फूड और ड्रग प्रशासन ने रेमडेसिविर को अमेरिका इमरजेंसी में इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी दी थी, जिसके बाद इसे कई देशों में आधिकारिक तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
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Friday, October 16, 2020
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अंतर्राष्ट्रीयएक और उम्मीद को झटका, कोरोना मरीज की जान बचाने में नाकाम साबित हुई रेमडेसिविर- WHO ने अस्पतालों को किया अलर्ट
अंतर्राष्ट्रीयएक और उम्मीद को झटका, कोरोना मरीज की जान बचाने में नाकाम साबित हुई रेमडेसिविर- WHO ने अस्पतालों को किया अलर्ट
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