नई दिल्ली (मानवी मीडिया): पाकिस्तान को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। आतंकियों के पनाहगार पाकिस्तान को इस बार भी अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में ही रहना होगा। दरअसल, पाकिस्तान एफएटीएफ की कार्य योजना के 27 लक्ष्यों में से छह का अनुपालन करने में असफल रहा है। इसलिए उसे ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा। एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। पाकिस्तान आतंकी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों को सुरक्षित वातावरण मुहैया करा रहा है। बता दें, पाकिस्तान 2018 से ही टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगा पाने में नाकाम रहने के चलते इस लिस्ट में बना हुआ है। क्यों ब्लैक लिस्टेड नहीं हुआ पाकिस्तान तुर्की, चीन और मलेशिया जैसे देश पाकिस्तान को लगातार समर्थन करते हैं। इसी समर्थन के चलते इससे पहले पाकिस्तान दो बार एफएटीएफ ब्लैक लिस्ट में धकेले जाने से बचा है। बताया जा रहा है कि इस बार भी इन देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया है। पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड होने से बचने के लिए सिर्फ 3 वोटों की जरूरत थी। वहीं, उसे ग्रीन लिस्ट से बाहर आने के लिए 13 वोटों की जरूरत पड़ती। पाकिस्तान ने 27 में से 21 कदम उठाए बताया जा रहा है कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान से टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए 27 कदम उठाने के लिए कहा था। पाकिस्तान ने अभी तक 21 कदम उठाए हैं, जबकि 6 पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसमें मसूद, हाफिज सईद, दाऊद और लखवी जैसी आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करना भी शामिल हैं। क्या है एफएटीएफ? एफएटीएफ का गठन 1989 में हुआ था। कई देश इसके सदस्य हैं। एफएटीएफ टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था है। दूसरे शब्दों में इसे आतंकियों का पालन पोषण करने वालों और उन्हें पैसा मुहैया कराने वालों पर नजर रखने वाली एजेंसी भी कहा जाता है।
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Friday, October 23, 2020
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अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट, से पाकिस्तान को बड़ा झटका, ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा आतंकियों का पनाहगार पड़ोसी देश.
अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट, से पाकिस्तान को बड़ा झटका, ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा आतंकियों का पनाहगार पड़ोसी देश.
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