नई दिल्ली (मानवी मीडिया)-अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (एडीएजी) के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। कर्ज के फेर में फंसे अनिल अंबानी को 2500 करोड़ रुपए ठेका रद्द किए जाने से नया झटका लगा है। ये ठेका रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (आरएनईएल) से वापस ले लिया गया है। ठेके के तहत रिलायंस नेवल को भारतीय नौसेना के लिए गश्ती जहाजों की आपूर्ति करनी थी, लेकिन देरी के कारण ठेका रद्द कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय ने दो सप्ताह पहले ही ठेका रद्द फैसला किया है।नौसेना का रिलायंस ग्रुप को झटका, समुद्री पोत की सप्लाई न करने पर बैंक गारंटी जब्त रिलायंस ग्रुप और रक्षा मंत्रालय के बीच नौसेना के लिए पांच गश्ती जहाजों को लेकर 2011 में एक समझौता हुआ था। यह समझौता रिलायंस ग्रुप की ओर से निखिल गांधी से गुजरात के शिपयार्ड को खरीदने से पहले हुआ था।
साल 2015 में इस ग्रुप का नाम पिपावाव डिफेंस एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग लिमिटेड था, बाद में इसका नाम बदलकर रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कर दिया था। उधर, आरएनईएल ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। एनओपीवी अनुबंध को रद्द करने से आरएनईएल की बोली प्रक्रिया पर भी असर होगा, जो इस समय राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में दिवालिया समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है। आईडीबीआई के नेतृत्व में कई बैंकों के एक समूह ने आरएनईएल को कर्ज दिया था। आईडीबीआई ने एनसीएलटी की अहमदाबाद शाखा में ऋण वसूली के लिए मामला दायर किया है। आरएनईएल पर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण बकाया है। साल 2015 में इस ग्रुप का नाम पिपावाव डिफेंस एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग लिमिटेड था। बाद में इसका नाम बदलकर रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कर दिया था।