लखनऊ (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बड़े शातिर गैंग का भंडाफोड़ हुआ है जो नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी कंपनियों के सहारे टेंडर जारी कर बेरोजगार युवक युवतियों को निशाना बनाते थे । इस गैंग का खुलासा तब हुआ जब कंपनी के ही मैनेजर ने पूरे सबूत के साथ गाजीपुर थाने में जाकर शिकायत किया। कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत उदय प्रताप ने गाजीपुर थाने में तहरीर देते हुए बताया कि 1 वर्ष पहले अखिलेश तिवारी ग्राम - सिधाई, थाना - शाहगंज,जिला जौनपुर, नामक व्यक्ति से मुलाकात हुई धीरे धीरे यह मुलाकात विजनेस पार्टनर में बदल गया ,चूंकि अखिलेश तिवारी ने कहा कि उसके पास कई कंपनियां हैं जो स्वास्थ्य से लेकर संविदा कर्मचारी की नियुक्तियों का काम करती है अखिलेश ने कहा कि कंपनी में सहयोगी के तौर मैनेजर का पद लेकर काम करो । उदय प्रताप ने बताया कि अखिलेश तिवारी के साथ जब करना शुरू किए तो पता चला कि होम फॉर डिसएबल सोसाइटी,अल्फा खुशी मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड,अल्फा टूमेगा फाइनेंसियल सर्विस,अल्फा इन्फोटेच प्राइवेट लिमिटेड एवं अल्फा शॉपिंग कंपनी बनाकर बेरोजगारों को सरकारी और संविदा पर नौकरी देने का नाम पर टारगेट किया जाता था ,बाद में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगारों से लाखों रुपया हड़प लिया जाता जब तक पीड़ितों को इस बात की जानकारी होती तब तक वह ठगे जा चुके होते थे।मैनेजर ने बताया कि जब इस साजिश की जानकारी हमे हुई तो बेरोजगार लोगों को इस जालसाज कंपनी से बचाने के लिए गाजीपुर थाने में सबूतों के साथ शिकायत थी । पर गाजीपुर थाना एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की। मामले को लीपापोती करने लगे। क्यू की मामला हाई फाई प्रोफ़ाइल से जुड़ी है। फिर प्राथी ने मामले को लखनऊ पुलिस कमिश्नर से सिकायात की मामले को संज्ञान में लेकर जांच के लिए DCP/ ACP को सौंप दी है । मामले को सत्य पाया गया गाजीपुर थाने लखनऊ में धोखाधड़ी की दर्ज हुई एफ आई आर । फर्जी वेबसाइट के जरिये जारी होता था टेंडर मैनेजर ने बताया कि इस शातिर गैंग द्वारा कई विभागों का फर्जी वेबसाइट बनवाई जाती थी । उसके बाद यहां सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए टेंडर जारी किया जाता था । जब कोई बेरोजगार गूगल पर नौकरियों के बारे में जानकारी प्राप्त करता था । तब वह इस कंपनी के साजिश का शिकार हो जाता था ,मैनेजर ने बताया कि इस फ़र्ज़ी गैंग के जाल में अब तक सैकड़ो लोग फंस चुके हैं। वहीं ऑनलाइन फॉर्म भर कर नौकरी दिलवाने के नाम पर इस गैंग ने अब तक करोड़ों रुपये की ठगी की है जिसमें मुख्य साजिशकर्ता अखिलेश तिवारी और अमन तिवारी हैं जिनके द्वारा बेरोजगार लोगों को ठगने के काम को अंजाम दिया जाता है। पूर्व में इसी प्रकार के जालसाजी में चिनहट थाने में दर्ज है मुकदमा इस शातिर गैंग का यह कारनामा काफी दिनों से चल रहा है जिसमे एक वर्ष पूर्व 7 युवकों के साथ नौकरी का झांसा देकर धोखाधड़ी करने के आरोप में चिनहट थाने में मुकदमा दर्ज है जिसमे आरोपी अखिलेश तिवारी ने फाइनेंस एंड प्लेसमेंट एजेंसी अल्फा टु ओमेगा कंपनी के माध्यम से सरकारी विभागों में नौकरियां दिलवाने के नाम पर इन युवाओं से 17.50 लाख रुपये का ठगी कर लिया था। आरोपी अपहरण, लूट गैंगस्टर में जा चुका है जेल। नौकरी में जालसाजी करने के अलावा गैंग के मुखिया के ऊपर कई गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज है वहीं पिछली दिवाली के दौरान अखिलेश तिवारी को कैसरबाग पुलिस ने अपहरण , लूट और गैंगस्टर के एक मामले में दर्ज मुकदमे के बाद अखिलेश तिवारी को दबोचा था जिसमे दो महीना जेल में रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आकर इस तरह के कार्यों को अंजाम दे रहा है। सांभर
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Thursday, October 15, 2020
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आधा दर्जन फर्जी कंपनियां बना कर शातिर गैंग नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से करते थे ठगी दर्ज़ हुई FIR
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