नई दिल्ली (मानवी मीडिया) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देश की जनता को संबोधित कर रहे हैं। यह उनके रेडियो कार्यक्रम की 69वीं कड़ी है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं और देश की जनता से रूबरू होते हैं। प्रधानमंत्री ने आज के कार्यक्रम में लोगों से कहानिया भी सुनीं। उन्होंने कई प्रेरक प्रसंग उठाए। महात्मा गांधी, भगत सिंह से लेकर खेती-किसानी तक के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कृषि बिल के फायदे बताए। प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में दो गज की दूरी की अहमियत बताई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहा कि इस संकट में परिवार के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ''कोरोना के इस कालखंड में पूरी दुनिया अनेक परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है। आज, जब दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरूरत बन गई है, तो इसी संकट काल ने, परिवार के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम भी किया है।'' इसके बाद महात्मा गांधी को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, गांधी जी के विचार आज ज्यादा प्रासंगिक हैं। 2 अक्टूबर हमारे लिए प्रेरक और पवित्र दिवस है। साथ ही शहीद भगत सिंह को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, भगत सिंह का जज्बा हमारे दिलों में होना चाहिए। भगत सिंह का देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है। शहीद वीर भगत सिंह का नमन करता हूं। उस 23 साल के युवक से अंग्रेजी हुकूमत डर गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा, कल, 28 सितम्बर को हम शहीद वीर भगतसिंह की जयंती मनायेंगे। मैं, समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद वीर भगतसिंह को नमन करता हूं। वहीं प्रधानमंत्री ने कहा, कोरोना संकट के काल में भी कृषि क्षेत्र ने अपना दमखम दिखाया है। देश के किसान, गांव जितना मजबूत होंगे, देश उतना आत्मनिर्भर होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की मजबूती से ही आत्मनिर्भर भारत की नींव बनेगी। किसान मजबूत होगा तो भारत आत्मनिर्भर बनेगा। पीएम ने कहा, हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। आज किसानों को अपनी मर्जी से उपज बेचने की आजादी मिली है। बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है।Live: पीएम मोदी बोले- हमारे किसान आत्मनिर्भर भारत का आधार हैंमोदी ने कहा कि इन किसानों के पास क्या अलग है- अपने फल-सब्जियों को, कहीं पर भी, किसी को भी, बेचने की ताकत है, और ये ताकत ही, उनकी, इस प्रगति का आधार है। अब यही ताकत, देश के दूसरे किसानों को भी मिली है।इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहानी सुनाने के महत्व को भी बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, ''इतने लम्बे समय तक, एक साथ रहना, कैसे रहना, समय कैसे बिताना, हर पल खुशी भरी कैसे हो ? तो, कई परिवारों को दिक्कतें आई और उसका कारण था, कि, जो हमारी परम्पराएं थी, जो परिवार में एक प्रकार से संस्कार सरिता के रूप में चलती थी, उसकी कमी महसूस हो रही है, ऐसा लग रहा है, कि, बहुत से परिवार है जहाँ से ये सब कुछ खत्म हो चुका है, और, इसके कारण, उस कमी के रहते हुए, इस संकट के काल को बिताना भी परिवारों के लिए थोड़ा मुश्किल हो गया, और, उसमें एक महत्वपूर्ण बात क्या थी? हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियाँ सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते हैं।'' उन्होंने आगे कहा, ''हमें, जरुर एहसास हुआ होगा, कि, हमारे पूर्वजों ने जो विधायें बनाई थी, वो, आज भी कितनी महत्वपूर्ण हैं और जब नहीं होती हैं तो कितनी कमी महसूस होती है। ऐसी ही एक विधा जैसा मैंने कहा, कहानी सुनाने की कला story telling।''कहानी सुनाने की कला का इतिहास और महत्व बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है जितनी कि मानव सभ्यता। कहानियाँ, लोगों के रचनात्मक और संवेदनशील पक्ष को सामने लाती हैं, उसे प्रकट करती हैं। कहानी की ताकत को महसूस करना हो तो जब कोई माँ अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए या फिर उसे खाना खिलाने के लिए कहानी सुना रही होती है तो देखें।''प्रधानमंत्री ने अपने शुरुआती जीवन का किस्सा भी सुनाया, उन्होंने कहा कि शुरुआती जीवन में बच्चों से मिलता था और उन्हें कहानी सुनाता और उनसे भी सुनाने को कहता। प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैं अपने जीवन में बहुत लम्बे अरसे तक एक परिव्राजक के रूप में रहा। घुमंत ही मेरी जिंदगी थी। हर दिन नया गाँव, नए लोग, नए परिवार, लेकिन, जब मैं परिवारों में जाता था, तो, मैं, बच्चों से जरूर बात करता था और कभी-कभी बच्चों को कहता था, कि, चलो भाई, मुझे, कोई कहानी सुनाओ, तो मैं हैरान था, बच्चे मुझे कहते थे, नहीं uncle, कहानी नहीं, हम, चुटकुला सुनायेंगे, और मुझे भी, वो, यही कहते थे, कि, uncle आप हमें चुटकुला सुनाओ यानि उनको कहानी से कोई परिचय ही नहीं था। ज्यादातर, उनकी जिंदगी चुटकुलों में समाहित हो गई थी।''देशवासियों से मन की बात करते प्रधनमंत्री मोदी (फाइल फोटो)प्रधानमंत्री ने कहानी से जुड़ी कुछ वेबसाइट्स की भी जानकरी दी। उन्होंने कहा, ''मुझे gaathastory.in जैसी website के बारे में जानकारी मिली, जिसे, अमर व्यास, बाकी लोगों के साथ मिलकर चलाते हैं। अमर व्यास, IIM अहमदाबाद से MBA करने के बाद विदेशों में चले गए, फिर वापस आए। इस समय बेंगलुरु में रहते हैं और समय निकालकर कहानियों से जुड़ा, इस प्रकार का, रोचक कार्य कर रहे है। कई ऐसे प्रयास भी हैं जो ग्रामीण भारत की कहानियों को खूब प्रचलित कर रहे हैं। वैशाली व्यवहारे देशपांडे जैसे कई लोग हैं जो इसे मराठी में भी लोकप्रिय बना रहे हैं।''प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ''चेन्नई की श्रीविद्या वीर राघवन भी हमारी संस्कृति से जुड़ी कहानियों को प्रचारित, प्रसारित, करने में जुटी है, वहीं, कथालय और The Indian storytelling network नाम की दो website भी इस क्षेत्र में जबरदस्त कार्य कर रही हैं। गीता रामानुजन ने kathalaya.org में कहानियों को केन्द्रित किया है, वहीं, के जरिये भी अलग-अलग शहरों के story tellers का network तैयार किया जा रहा है। बेंगलुरु में एक विक्रम श्रीधर हैं, जो बापू से जुड़ी कहानियों को लेकर बहुत उत्साहित हैं। और भी कई लोग, इस क्षेत्र में, काम कर रहे होंगे - आप जरूर उनके बारे में Social media पर शेयर करे।
Post Top Ad
Sunday, September 27, 2020
Home
राष्ट्रीय
मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी बोले- हमारे किसान आत्मनिर्भर भारत की आधार, पढ़ें विशेष बातें
मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी बोले- हमारे किसान आत्मनिर्भर भारत की आधार, पढ़ें विशेष बातें
Tags
# राष्ट्रीय
About Manvi media
राष्ट्रीय
Tags
राष्ट्रीय
Post Top Ad
Author Details
.