कुशीनगर में गंडक नदी का जल स्तर घटने के वावजूद नरवाजोत बांध खतरे में     - मानवी मीडिया

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Sunday, September 27, 2020

कुशीनगर में गंडक नदी का जल स्तर घटने के वावजूद नरवाजोत बांध खतरे में    

कुशीनगर (मानवी मीडिया): उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में गंडक नदी का जलस्तर में कमी आने के चलते नरवाजोत बांध पर एक बार फिर कटान का खतरा मंडराने लगा है। सूत्रों के अनुसार पूरे बांध पर नदी का दबाव बना हुआ है और कई जगह बांध के स्लोप में कटान हो रहा है,जिससे गांव वालों की चिंता बढ़ गई है। बृहस्पतिवार को वाल्मीकि नगर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ दिये जाने के बाद करीब तीन किमी लंबे हिस्से से गण्डक नदी नरवाजोत बांध से सटकर बह रही है। इससे पूर्व में कराये गये बचाव कार्यों पर कटान का खतरा मंडराने लगा है। दहारी टोला में पुजारी सिंह के घर के सामने नदी बांध के स्लोप को काट रही है। दहारी टोला,भंगी टोला, उपाध्याय टोला, देवनारायन टोला सहित अन्य गांवों पर खतरा बढ़ गया है। रवि वार से बांध पर हो रही कटान की सूचना मिलते ही एसडीओ आमोद कुमार सिंह, जेई श्रीराम यादव, रमेशधर दुबे और सुनील यादव आदि मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य की तैयारियां शुरू कर दी। गांव दूधनाथ शर्मा, सकलदेव सिंह, महादेव चौहान, ध्रुव निषाद, प्रभुनाथ यादव, संजय सिंह आदि का कहना है कि नरवाजोत बांध की स्थिति ठीक नहीं है।इस बीच एसडीओ आमोद कुमार सिंह का कहना है कि बांध की निगरानी की जा रही है। जरूरत के अनुसार बचाव कार्य शुरू कराने का निर्देश दिया गया है। नदी में पानी का बहाव कम होने के बावजूद खड्डा तहसील के बाढ़ प्रभावित 10 गांवों में तीसरे दिन भी राहत नहीं मिली। मरचहवा के तीन टोला व बसंतपुर गांव के घरों से पानी निकलना शुरू हुआ है। हालांकि अभी भी इन गांवों की तरफ जाने वाले रास्तों पर पानी बह रहा है। बाढ़ प्रभावित लोग भोजन, पानी व दवा के लिए जूझ रहे हैं।   रविवार शाम को गंडक नदी का बहाव घटने के बावजूद खड्डा तहसील क्षेत्र में गंडक नदी बाईं तरफ बसे गांव मरचहवा, बसंतपुर, शिवपुर,हरिहरपुर, नरायनपुर, सालिकपुर, शाहपुर, महदेवा आदि गांव 23 सितम्बर से ही बाढ़ ग्रस्त हैं। बाढ़ प्रभावित मरचहवा के ग्राम प्रधान इजहार, क्षेत्र पंचायत सदस्य विरेन्द्र व नरेश, लालू, अमरनाथ, चन्द्रिका, छांगुर, नंदू, दिलीप, ध्रुप, नथुनी, फुलमान, राम अवध, फूलपाती आदि ने बताया कि तीन दिन से घरों में पानी भरा हुआ है। अनाज, कपड़ा व जरूरत के अन्य सभी सामान खराब हो गया हैं। गांव के कुछ उंचे घरों से थोड़ा सा पानी निकला है लेकिन कीचड़, कीट, जहरीले जीव जंतुओं व गंदगी से घर पटा है। लगातार पानी में रहने की वजह से पैरों में सड़न होने लगी है। पानी में डूबे इंडिया मार्का हैण्ड पंपों से दूषित पानी निकल रहा है। मरचहवा के तीनों टोला व बसंतपुर शिवपुर, हरिहरपुर आदि गांवों को आपस में जोड़ने वाली सभी सड़कें जलमग्न हैं। पशुओ के चारे की दिक्कत है। पहली बाढ़ में बर्बाद हुई फसल में से जो कुछ बचा था, वह इस बाढ में पूरी तरह बर्बाद हो गया है।   


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