दाग अच्छे हैं प्रशांत भूषण मुद्दे और कोर्ट अवमानना पर व्यंग्य लेख -- संपादकीय,, ******************************* रविवार 23 अगस्त202। (मानवी मीडिया) पिछले कुछ दिनों से दोनों के बीच तू डाल-डाल मैं पात-पात सी भिड़ंत चल रही थी। पक्ष-विपक्ष जैसी खुन्नस के चलते एक छोटी सी चिंगारी कब बड़ी आग की लपटों की शक्ल ले ले यह ठीक से कहा नहीं जा सकता था। इतना कम था कि टाइमपास टकले के दोस्त ने उसकी दुखती रग पर हाथ रखते हुए कह दिया कि भजनखबरी एकदम कबीर सिंह लग रहा है। वाह क्या गाड़ी चलाता है! टकले ने जैसे-तैसे डांट-डपटकर उसे भगा दिया लेकिन उसके भीतर की ईष्र्या वाली आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी। वह भजनखबरी को नीचा दिखाने की फिराक में था।एक दिन उसने भजनखबरी को बुलेट पर जाते हुए देखा। फट से अपना स्मार्टफोन निकाला। कैमरा को जूम किया और तस्वीर खींच डाली। उसने यह तस्वीर डाल दी दुनिया भर के सार्वजनिक कूड़ादान केंद्र - फेसबुक पर। फेसबुक तो वह अफीम है जिसका चस्का एक बार किसी को लग जाए तो जल्दी उतरता नहीं । इस चस्के में लाइक, कामेंट, शेयर, जिफ्स का फ्लेवर सामने वाले पर ऐसा चढ़ता है कि उतरने का नाम नहीं लेता। टाइमपास टकले ने फेसबुक पर तस्वीर डाली तो डाली उसके ऊपर-नीचे ऐसे वाक्य लिख डाले कि पढ़ो तो मारपीट हो जाए। उसने तस्वीर के ऊपर लिख डाला - छछूंदर के सर पे चमेली का तेल और नीचे लिखा - डुगडुगिया चलाता बंदर महाराज। यह पोस्ट डालने की देरी थी कि भजनखबरी के दोस्तों ने उसे ऐसा चढ़ा दिया कि पूछो मत। अब वह अपना आपा खोने लगा। उसने अपनी गैग के साथ मिलकर टाइमपास टकले पर धावा बोल डाला। टकला भी अपने साथियों के साथ उनसे भिड़ गया। दोनों पक्षों में खूब हाथापाई हुई। इस परिणामस्वरूप कइयों के हाथ-पैर, दाँत-वाँत न जाने क्या-क्या टूट गए। आखिरकार पुलिस को बिचौलिया बनकर मामला रफा-दफा करना पड़ा। पुलिस ने दोनों पक्षों की बात सुनी। भजनखबरी की क्लास लगाते हुए पुलिस ने कहा - ‘एक छोटी सी फेसबुक पोस्ट पर इतना बड़ा झगड़ा फसाद करने की जरूरत नहीं थी। टकले ने तो तुम्हें सामने से या फोन पर कुछ भला-बुरा नहीं कहा। फिर बात का बतंगड़ बनाने की क्या जरूरत थी। चूँकि तुमने पहले टाइमपास टकले पर हमला बोला इसलिए तुम पर आई.पी.सी. की धारा 323 और 324 के तहत एफआईआर दर्ज करनी होगी। भलाई इसी में है कि तुम हमारी टेबल का वजन बढ़ा दो। फिर आगे का मामला हम सुलझ लेंगे।‘ ये सारी बातें सुन भजनखबरी का दिमाग खराब हो गया। उसने कहा - ‘साहब! हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट का वरिष्ठ वकील अपने ही जज के महंगी बुलेट पर सवारी करने पर ट्विट करते हुए यह कह दे कि यह उनको शोभा नहीं देता इस पर बकायदा केस हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट इसे नोटिस में लेती है। वकील के बयान को बेतुका बताकर जज का अपमान मानती है। वकील के खिलाफ कार्रवाई करने की पहल की जाती है। आप मुझे यह बताइए कि सुप्रमीम कोर्ट के जज की इज्जत इज्जत है और मेरी इज्जत पानी। मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि आप टाइमपास टकले के खिलाफ एफआईआर बनाइए और उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई कीजिए।‘पुलिस ने भजनखबरी की बातें बड़ी ध्यान से सुनी। फिर कहा - ‘देखो भजनखबरी! सुप्रीम कोर्ट की बात यहाँ नहीं चलेगी। यहाँ तो हमारा फरमान चलेगा। न तो तू सुप्रीम कोर्ट का जज है और न टाइमपास टकला उस कोर्ट का वकील। यहाँ तो वही होगा जो बरसों से चला आ रहा है। यानी हमारी मरजी। मेरी एक बात कान खोलकर सुन लो। बड़े-बड़े कोर्टों में छोटी-छोटी बातें भी राई का पहाड़ बन जाती हैं। वह तो हमारे जैसे लोग हैं कि बड़े-बड़े पहाड़ों को अपने बाएँ हाथ से मसलकर राई बना देते हैं। वैसे भी हमारे खिलाफ तुम कहाँ तक जाओगे। देश के कोर्ट तुम्हारे खाला का घर तो है नहीं कि जब मुँह उठाए चले आए और तुम्हें न्याय दे देंगे। एक-एक कोर्ट में लाखों के मामले जस के तस पड़े हैं। अगर कोर्ट अपना काम जल्दी करते तो हमारी क्या जरूरत थी। हाँ, जहाँ तक इज्जत का सवाल है तो उसे कमीज समझकर बदल लेना चाहिए। वैसे कभी-कभी दाग भी अच्छे होते हैं। अगर तुम्हें दाग उतने ही खराब लगते हैं तो कोई दूसरी कमीज पहन लो। वरना दाग के चक्कर में कमीज की जगह तुम निपट जाओगे। भलाई इसी में है कि हम जैसा कहते वैसा करो। वरना लेने के देने पड़ जायेंगे।‘आखिरकार दोनों को आमने-सामने बुलाया गया। दोनों ने एक-दूसरे से दिल से न सही ऊपर से माफी माँग ली। उधर दोनों पक्ष से पुलिस ने खूब सारी वसूली कर ली। दोनों को जाते-जाते पुलिस ने नसीहत डे डाली - ‘देखो भजनखबरी और टाइमपास टकले! खुद को सुप्रीम कोर्ट का जज और वकील समझने की भूल बिल्कुल न करना। ये जो हमारे देश के कोर्ट-कचहरी हैं न! ऊपर से जैसा दिखते हैं भीतर से वैसा होते नहीं हैं। इसलिए दोनों तौबा कर लो कि जिंदगी में कितनी भी बड़ी भूल हो जाए लेकिन कोर्ट-कचहरी की सीढिय़ाँ न खुदलना पड़ें।‘ इतना सुन दोनों मुँह लटकाए अपने रास्ते चलते बने। खबरों को देखने के लिए👇👇👇👇 - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

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Sunday, August 23, 2020

दाग अच्छे हैं प्रशांत भूषण मुद्दे और कोर्ट अवमानना पर व्यंग्य लेख -- संपादकीय,, ******************************* रविवार 23 अगस्त202। (मानवी मीडिया) पिछले कुछ दिनों से दोनों के बीच तू डाल-डाल मैं पात-पात सी भिड़ंत चल रही थी। पक्ष-विपक्ष जैसी खुन्नस के चलते एक छोटी सी चिंगारी कब बड़ी आग की लपटों की शक्ल ले ले यह ठीक से कहा नहीं जा सकता था। इतना कम था कि टाइमपास टकले के दोस्त ने उसकी दुखती रग पर हाथ रखते हुए कह दिया कि भजनखबरी एकदम कबीर सिंह लग रहा है। वाह क्या गाड़ी चलाता है! टकले ने जैसे-तैसे डांट-डपटकर उसे भगा दिया लेकिन उसके भीतर की ईष्र्या वाली आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी। वह भजनखबरी को नीचा दिखाने की फिराक में था।एक दिन उसने भजनखबरी को बुलेट पर जाते हुए देखा। फट से अपना स्मार्टफोन निकाला। कैमरा को जूम किया और तस्वीर खींच डाली। उसने यह तस्वीर डाल दी दुनिया भर के सार्वजनिक कूड़ादान केंद्र - फेसबुक पर। फेसबुक तो वह अफीम है जिसका चस्का एक बार किसी को लग जाए तो जल्दी उतरता नहीं । इस चस्के में लाइक, कामेंट, शेयर, जिफ्स का फ्लेवर सामने वाले पर ऐसा चढ़ता है कि उतरने का नाम नहीं लेता। टाइमपास टकले ने फेसबुक पर तस्वीर डाली तो डाली उसके ऊपर-नीचे ऐसे वाक्य लिख डाले कि पढ़ो तो मारपीट हो जाए। उसने तस्वीर के ऊपर लिख डाला - छछूंदर के सर पे चमेली का तेल और नीचे लिखा - डुगडुगिया चलाता बंदर महाराज। यह पोस्ट डालने की देरी थी कि भजनखबरी के दोस्तों ने उसे ऐसा चढ़ा दिया कि पूछो मत। अब वह अपना आपा खोने लगा। उसने अपनी गैग के साथ मिलकर टाइमपास टकले पर धावा बोल डाला। टकला भी अपने साथियों के साथ उनसे भिड़ गया। दोनों पक्षों में खूब हाथापाई हुई। इस परिणामस्वरूप कइयों के हाथ-पैर, दाँत-वाँत न जाने क्या-क्या टूट गए। आखिरकार पुलिस को बिचौलिया बनकर मामला रफा-दफा करना पड़ा। पुलिस ने दोनों पक्षों की बात सुनी। भजनखबरी की क्लास लगाते हुए पुलिस ने कहा - ‘एक छोटी सी फेसबुक पोस्ट पर इतना बड़ा झगड़ा फसाद करने की जरूरत नहीं थी। टकले ने तो तुम्हें सामने से या फोन पर कुछ भला-बुरा नहीं कहा। फिर बात का बतंगड़ बनाने की क्या जरूरत थी। चूँकि तुमने पहले टाइमपास टकले पर हमला बोला इसलिए तुम पर आई.पी.सी. की धारा 323 और 324 के तहत एफआईआर दर्ज करनी होगी। भलाई इसी में है कि तुम हमारी टेबल का वजन बढ़ा दो। फिर आगे का मामला हम सुलझ लेंगे।‘ ये सारी बातें सुन भजनखबरी का दिमाग खराब हो गया। उसने कहा - ‘साहब! हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट का वरिष्ठ वकील अपने ही जज के महंगी बुलेट पर सवारी करने पर ट्विट करते हुए यह कह दे कि यह उनको शोभा नहीं देता इस पर बकायदा केस हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट इसे नोटिस में लेती है। वकील के बयान को बेतुका बताकर जज का अपमान मानती है। वकील के खिलाफ कार्रवाई करने की पहल की जाती है। आप मुझे यह बताइए कि सुप्रमीम कोर्ट के जज की इज्जत इज्जत है और मेरी इज्जत पानी। मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि आप टाइमपास टकले के खिलाफ एफआईआर बनाइए और उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई कीजिए।‘पुलिस ने भजनखबरी की बातें बड़ी ध्यान से सुनी। फिर कहा - ‘देखो भजनखबरी! सुप्रीम कोर्ट की बात यहाँ नहीं चलेगी। यहाँ तो हमारा फरमान चलेगा। न तो तू सुप्रीम कोर्ट का जज है और न टाइमपास टकला उस कोर्ट का वकील। यहाँ तो वही होगा जो बरसों से चला आ रहा है। यानी हमारी मरजी। मेरी एक बात कान खोलकर सुन लो। बड़े-बड़े कोर्टों में छोटी-छोटी बातें भी राई का पहाड़ बन जाती हैं। वह तो हमारे जैसे लोग हैं कि बड़े-बड़े पहाड़ों को अपने बाएँ हाथ से मसलकर राई बना देते हैं। वैसे भी हमारे खिलाफ तुम कहाँ तक जाओगे। देश के कोर्ट तुम्हारे खाला का घर तो है नहीं कि जब मुँह उठाए चले आए और तुम्हें न्याय दे देंगे। एक-एक कोर्ट में लाखों के मामले जस के तस पड़े हैं। अगर कोर्ट अपना काम जल्दी करते तो हमारी क्या जरूरत थी। हाँ, जहाँ तक इज्जत का सवाल है तो उसे कमीज समझकर बदल लेना चाहिए। वैसे कभी-कभी दाग भी अच्छे होते हैं। अगर तुम्हें दाग उतने ही खराब लगते हैं तो कोई दूसरी कमीज पहन लो। वरना दाग के चक्कर में कमीज की जगह तुम निपट जाओगे। भलाई इसी में है कि हम जैसा कहते वैसा करो। वरना लेने के देने पड़ जायेंगे।‘आखिरकार दोनों को आमने-सामने बुलाया गया। दोनों ने एक-दूसरे से दिल से न सही ऊपर से माफी माँग ली। उधर दोनों पक्ष से पुलिस ने खूब सारी वसूली कर ली। दोनों को जाते-जाते पुलिस ने नसीहत डे डाली - ‘देखो भजनखबरी और टाइमपास टकले! खुद को सुप्रीम कोर्ट का जज और वकील समझने की भूल बिल्कुल न करना। ये जो हमारे देश के कोर्ट-कचहरी हैं न! ऊपर से जैसा दिखते हैं भीतर से वैसा होते नहीं हैं। इसलिए दोनों तौबा कर लो कि जिंदगी में कितनी भी बड़ी भूल हो जाए लेकिन कोर्ट-कचहरी की सीढिय़ाँ न खुदलना पड़ें।‘ इतना सुन दोनों मुँह लटकाए अपने रास्ते चलते बने। खबरों को देखने के लिए👇👇👇👇


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