बृहस्पतिवार 05 मार्च 2020 वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि आज शाम छह बजे से यह रोक शुरू हो गयी है और 03 अप्रैल तक जारी रहेगी।...नई दिल्ली, सरकार ने निजी क्षेत्र के येस बैंक पर 30 दिन की अस्थायी रोक लगाते हुए इस दौरान खाताधारकों के लिए निकासी की सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी है। इस पूरी अवधि में खाताधारक 50 हजार रुपये से अधिक नहीं निकाल सकेंगे। यदि किसी खाताधारक के इस बैंक में एक से अधिक खाते हैं तब भी वह कुल मिलाकर 50 हजार रुपये ही निकाल सकेगा। RBI की अधिसूचना में कहा गया है कि आज शाम छह बजे से यह रोक शुरू हो गयी है और 03 अप्रैल तक जारी रहेगी।Reserve Bank of India (RBI) puts Yes Bank under moratorium. Withdrawals have been capped at Rs 50,000.
Twitter Ads की जानकारी और गोपनीयता 519 लोग इस बारे में बात कर रहेजमा पर निकासी प्रतिबंध कुछ शर्तों के अधीन होगा। केन्द्रीय बैंक सामान्य या विशेष आदेश द्वारा, बैंक को निम्नलिखित अप्रत्याशित परिस्थितियों में 50,000 रुपये से अधिक की निकासी की अनुमति दे सकता है...
जमाकर्ता या वास्तविक रूप से उस पर आश्रित किसी व्यक्ति के चिकित्सा उपचार के संबंध में, जमाकर्ता या वास्तविक रूप से उस पर आश्रित किसी व्यक्ति की शिक्षा के लिए भारत में या भारत से बाहर लागत को चुकाने के संबंध में जमाकर्ता या उसके बच्चों या वास्तविक रूप से उस पर आश्रित किसी अन्य व्यक्ति के विवाह या अन्य समारोह के संबंध में बाध्यकर खर्चों के लिए किसी अन्य अपरिहार्य इमरजेंसी के संबंध में Press Trust of India
RBI imposes moratorium on Yes Bank; caps withdrawals at Rs 50,000: Sources
बता दें कि यस बैंक ने जो कर्ज बांटा था उसमें अधिकांश डूब गए हैं, बैंक इस समस्या से जूझ रहा है। बैंक चाहता है कि नई पूंजी जुटाई जाए लेकिन इस काम में उसे दिक्कत आ रही है। इसी वजह से बैंक ने दिसंबर, 2019 की तिमाही नतीजे भी घोषित नहीं किए हैं। एनपीए की वजह से बैंक की सुरक्षित पूंजी कम हो गईगौरतलब है कि तकरीबन 6 महीने पहले आरबीआई ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव पीएमसी बैंक पर इसी तरह का प्रतिबंध लगाया था। केन्द्रीय बैंक ने पीएमसी बैंक से अधिकतम 10 हजार रुपये की विड्रॉल लिमिट तय की थी। हालांकि, बाद में इसे बढ़ा दिया गया था। पीएमसी बैंक में वित्तीय गड़बड़ी मिलने के बाद आरबीआई ने यह फैसला लिया
एसबीआइ-एलआइसी के हवाले होगा यस बैंक
पहले प्रमोटरों की लड़ाई और उसके बाद गहरे वित्तीय संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक को उबारने का फार्मूला लगभग तैयार हो गया है। वित्त मंत्रालय, आरबीआइ और बाजार नियामक एजेंसी सेबी के बीच विचार विमर्श से तैयार इस फार्मूले के मुताबिक यस बैंक में 49 फीसद हिस्सेदारी सरकारी क्षेत्र के दो वित्तीय संस्थानों एसबीआइ और एलआइसी को सौंपी जाएगी। एलआइसी व एसबीआइ के पास बराबर की 24.5 फीसद हिस्सेदारी होगी। जरूरत पड़ने पर इनमें से कुछ दूसरे वित्तीय संस्थानों को भी जोड़ा जा सकता है। इक्विटी हस्तांतरण का फैसला होने के बाद ये दोनो मिल कर यस बैंक के लिए नए एमडी व सीईओ की नियुक्ति करेंगाबाजार के जानकारों के मुताबिक एसबीआइ व अन्य वित्तीय संस्थानों को यस बैंक की इक्विटी महज दो रुपये प्रति शेयर की दर से दी जाएगी।सूत्रों के मुताबिक इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए एसबीआइ के निदेशक बोर्ड की गुरुवार को मुंबई में विशेष बैठक की जा रही है। सरकार की इन तैयारियों की खबर आने के कुछ ही देर बाद निवेश सलाहकार एजेंसी जेपी मोर्गन ने निवेशकों के लिए यस बैंक के शेयरों की कीमत के लक्ष्य को घटा कर 1 रुपये प्रति शेयर कर दिया। जबकि एक दिन पहले ही इसने यह लक्ष्य 55 रुपये प्रति शेयर का तय किया था।