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- राष्ट्रीय बुधवारर 04 मार्च, 2020 |नई दिल्ली राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में दोषी पवन की दया याचिका खारिज कर दी। राष्ट्रपति इस मामले के तीन अन्य दोषियों की दया याचिका पहले ही खारिज कर चुके हैं। पवन की याचिका खारिज होने के साथ ही निर्भया के चारों दरिंदों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं। बता दें कि आज सुबह ही दिल्ली हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य जांच कराने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि इसे सबसे पहले एनएचआरसी के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। इससे पहले सोमवार को चारों दोषियों की फांसी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। पुराने डेथ वारंट के अनुसार सभी दोषियों को तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जानी थी। कोर्ट के फैसले के बाद फिलहाल यह टल गई।गौरतलब है कि 16-17 दिसंबर 2012 की रात फिथिजियोरेपी की 23 वर्षीय छात्रा से दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और लगभग 15 दिन बाद पीड़िता की मौत हो गई थी जिसे बाद में निर्भया नाम दिया गया था। छठे आरोपी राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के बाद कथित रूप से तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। वहीं, किशोर को तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।