शुक्रवार06, 2020 |लखनऊ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही नई जनसंख्या नीति लाने जा रही है। इसके तहत दो से ज्यादा बच्चे होने पर पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है। यही नहीं, सरकारी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। ऐसी भी खबर है कि नई नीति के तहत सरकारी योजनाओं का लाभ देने में उन्हीं दम्पति को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके दो या उससे कम बच्चे होंगे। प्रस्तावित जनसंख्या नीति को सरकारी नौकरियों से भी जोड़ने पर विचार चल रहा है। यह नीति भर्ती से लेकर प्रोन्नति के मामलों मे भी लागू रहेगी। इस साल होने वाले पंचायत और उसके बाद स्थानीय निकाय चुनावों से पहले ही नई जनसंख्या नीति बन जाने की संभावना है। नीति को सबसे पहले पंचायत चुनावों में लागू किया जा सकता है।सरकार ने साल 2025 तक सकल प्रजनन दर 2.1 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी तक शहरी आबादी में तो सकल प्रजनन दर 2.1 है। यह शहरी लोगों की खुद की जागरूकता के कारण दर बनी है। लेकिन ग्रामीण आबादी में यही दर 3 तक पहुंच चुकी है। ऐसे में सरकार का फोकस ग्रामीण आबादी पर ज्यादा रहेगा। एक जानकारी के मुताबिक मौजूदा समय में प्रदेश की जनसंख्या 22 करोड़ से अधिक है। प्रदेश की आबादी हर 10 साल में 20 फीसदी बढ़ रही है।
परिवार कल्याण के महानिदेशक डा. बद्री विशाल ने कहा है कि अभी राजस्थान और मध्यप्रदेश की जनसंख्या नीति को मंगवा कर उसका अध्यन्न किया जा रहा है। प्रस्तावित जनसंख्या नीति में सरकार नसबंदी ऑपरेशन पर जोर नहीं देगी बल्कि दो बच्चे वाले दंपतियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने बताया कि जनसंख्या नीति को सरकार के अधीन सभी सेवाओं पर लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इन राज्यों में पहले से लागू है कानूनउत्तराखंड, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, उड़ीसा, हिमांचल प्रदेश व मध्य प्रदेश में पहले से ही दो से अधिक बच्चे वाले दम्पत्तियों के पंचायत व निकाय चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लागू है। यूपी समेत कुछ अन्य राज्य भी इस राह पर अग्रसर हैं।