दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में विपक्ष का जोरदार हंगामा, गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग - मानवी मीडिया

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Monday, March 2, 2020

दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में विपक्ष का जोरदार हंगामा, गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग




  • मुख्य समाचार

  • राष्ट्रीय सोमवारर 02 मार्च, 2020 |नई दिल्ली राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर घोर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संसद परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। संसद परिसर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली हिंसा पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।वहीं, राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर हिंसा के दौरान तीन दिनों तक सोते रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि तीन दिनों तक केंद्र सरकार सोई न रहती तो हिंसा नहीं होती। अधीर रंजन ने सरकार पर दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह से विफल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हिंसा की वजह से पूरी दुनिया में भारत की छवि को नुकसान हुआ है। यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है। इससे पहले दिल्ली हिंसा को लेकर राज्यसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। इसके चलते राज्यसभा दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि मैं चाहता हूं कि हम सब लोग एक स्वर से बोलें, सामान्य स्थिति लाई जाए। इस पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि तीन दिन और तीन रात केंद्र सरकार सोई नहीं होती तो ऐसा नहीं होता।बता दें कि बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार कई अहम विधेयक पेश करेगी। इनमें सहायक प्रजनन तकनीक नियमन विधेयक, मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी विधेयक और सरोगेसी विनियमन विधेयक 2020 विधेयक शामिल हैं। सरोगेसी विधेयक 2020 को पेश करने के लिए सरकार संसद में लंबित सरोगेसी विधेयक 2019 को वापस लेगी। इसके साथ सरकार बजट सत्र के पहले चरण में पेश किए गए एक दर्जन से अधिक विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी। उसका आम बजट पर अधिक से अधिक मंत्रालयों पर चर्चा कराने का भी प्रयास होगा।सरकार की कोशिश होगी कि इस विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में ही पारित कराया जाए। उसे आर्थिक सुधारों को लेकर भी कई अहम विधेयक पारित कराने हैं। इनमें  भारतीय रिजर्व बैंक संशोधन विधेयक और कंपनी कानून संशोधन विधेयक शामिल हैं।




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