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Thursday, February 20, 2020

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा परिवहन सेवाओं को  बेहतर बनाने हेतु उठाए गए प्रभावी कदम

लखनऊ: बृहस्पतिवार 20 फरवरी, 2020 

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा आमजन को परिवहन की बेहतर सुविधाएं सुलभ कराने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाएं हंै। इसके तहत असेवित गांव को बस सेवा से जहां जोड़ा गया है वहीं महिलाओं के लिए पिंक सेवाएं संचालित की गई हैं। विभिन्न जनपदों में नए बस स्टैण्ड बनाए गए हैं और अनेक नए बस स्टैण्डों का निर्माण कार्य त्वरित गति से किया जा रहा हैं।

            परिवहन निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के 38200 असेवित गाॅवों में से वर्तमान वित्तीय वर्ष में माह दिसम्बर, 2019 तक 5130 गाॅवों को परिवहन सुविधाओं से सेवित किया जा चुका है। निर्भया फण्ड योजना के अन्तर्गत महिलाओं के लिए 52 पिंक सेवायें संचालित की गई हैं, जिसमें महिला यात्रियों की सुरक्षा हेतु निगम की सभी बसों में सीसीटीवी कैैमरा तथा पैनिक बटन लगाये गये है तथा 40 इण्टरसेप्टर वाहन की व्यवस्था भी की गयी है। पिंक बस सेवा का समन्वय यू.पी. डायल 112 से किया जा रहा है।

परिवहन निगम के अनुसार परिवहन सेवाओं को सुविधा जनक और उन्हें सभी व्यवस्थाओं से युक्त करने हेतु रू 83.40 करोड़ की योजना/अनुदान भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है। आरामदेह साधारण वातानुकूलित श्रेणी की बसों में सुरक्षा के दृष्टिगत मात्र महिला यात्री अथवा उनके सहयात्री अनुमन्य किये गए हैं। इसमें आनलाईन अग्रिम आरक्षण सुविधा भी सुलभ है। बस यात्रियों को यात्रा में मिनरल वाटर, मासिक पत्रिका यात्रा दर्पण आदि सुविधायें भी उपलब्ध कराई जा रही हंै।

          परिवहन निगम की बसों के यात्रियों की मृत्यु होने पर वयस्क यात्री हेतु रू. 5.00 लाख की राहत राशि दिये जाने का प्राविधान किया है। इस योजना की परिधि में घायल यात्रियों को भी शामिल करते हुये, अति गंभीर रूप से घायल यात्रियों को रू. 2.50 लाख की चिकित्सीय सहायता का प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त यात्रियों को प्रमुख बस स्टशनों पर शुद्ध शीतल पेयजल हेतु वाटर ए.टी.एम. की व्यवस्था कराई गई है। यह एक्वा गार्ड के आर.ओ. प्रणाली, वाटर कूलर व ए.टी.एम. द्वारा संचालित है।

            परिवहन निगम ने विभिन्न कार्यों के अन्तर्गत 98 डिपो में आॅटोमेटेड फ्यूल मैनेजमेन्ट सिस्टम लागू किया गया है। दिव्यांग यात्रियों के लिये 10 बस स्टेशनों पर व्हील चेयर की भी व्यवस्था की गयी है। दिव्यांगजनों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु ’’दिव्यांग स्टाॅल’’ का शुभारम्भ लखनऊ क्षेत्र के कैसरबाग बस स्टेशन पर किया गया है।

            लखनऊ के कैसरबाग, बस स्टेशन पर माताओं हेतु शिशु देखभाल कक्ष की स्थापना की गयी, जिसमें नवजात शिशुओं की देखभाल हेतु फीडिंग एवं डायपर आदि बदलने की व्यवस्था है। इस कक्ष में माॅ के उपयोग के लिये पैनिक/अलार्म बटन की सुविधा है। निगम की महिला अधिकारी को नोडल प्रभारी नामित किया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश के अन्य स्टेशनों पर किया जाना प्रस्तावित है।

बस यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत परिवहन निगम द्वारा अनुबंधित यात्री प्लाजा पर अपना खाना आॅनलाईन बुक कराने हेतु “मील आॅन रोड एप“ सुविधा सुलभ कराई गई है। परिवहन सेवाओं को अधिकाधिक लाभ प्रद बनाने के लिए एनसीआर क्षेत्र में 250 सीएनजी बसे क्रय की गयी हैं। एनसीआर क्षेत्र के लिये निजी क्षेत्र की 72 सीएनजी बसों को अनुबंधित भी किया गया है। निगम द्वारा बसों में गति नियंत्रण हेतु स्पीड गवर्नर स्थापित कराये जाने की कार्रवाई प्रगति पर है। चालकों व परिचालकों को वर्दी तथा चालकों का नेत्र परीक्षण कराया जा रहा है।

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