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Monday, February 10, 2020

उत्तर प्रदेश बढ़ती हुई आबादी और बिगड़ी हुई जीवनशैली गैर संचारी रोगों का मुख्य कारण -जय प्रताप सिंह

लखनऊ सोमवार 10 फरवरी 2020

आरोग्य: उत्तर प्रदेश में एनसीडी की रोकथाम और नियंत्रण पर आयोजित हुआ कार्यक्रम

प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह ने  आज कहा कि बढ़ती हुई आबादी और बिगड़ी हुई जीवन शैली गैर संचारी रोगों का मुख्य कारण है। उन्होने कहा बड़े स्तर पर जनता को चिकित्सा सुविधाएं उनकी सुविधा अनुसार  उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के प्रत्येक जनपद में प्रति रविवार मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला आरम्भ किया गया है।उन्होने कहा  जन जागरण अभियान से  हर रविवार को प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र पर लोगो को आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

चिकित्सा एवं स्वास्थय मंत्री आज यहाँ लखनऊ के एक होटल में उत्तर प्रदेश में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की व्यापकता की गंभीरता के मद्देनजर एनएचएम, यूपी सरकार के सहयोग से वाॅलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (वीएचएआई) और लाल पैथलैब्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित  “आरोग्य” - एनसीडी की रोकथाम और नियंत्रण पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर डॉ एबी सिंह, जीएम-एनसीडी, एनएचएम ने एनसीडी रोकथाम और नियंत्रण पर सरकार की पहल और कार्यों के विषय में जानकारी दी। इसके साथ ही भारत आयुष्मान के तहत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (भ्मंसजी ंदक ॅमससदमेे बमदजमत ) की स्थापना के बारे में अवगत कराया । उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में में होने वाली सभी असामयिक मृत्यु का 47.9ः कारण गैर संचारी रोग (छब्क्) हैं। यूपी में एनसीडी के लिए प्रमुख जोखिम कारक - तंबाकू का उपयोग, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, गलत खान पान (जंक फूड ) सम्बन्धी आदतें हैं।

कार्यक्रम में परियोजना की जानकारी देते हुए वाॅलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मुख्य कार्यकारी, भावना बी मुखोपाध्याय ने बताया  की आरोग्य परियोजना का उद्देश्य एनसीडीईएस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सरकारी पहल और कार्यक्रमों को सशक्त बनाना है। यह परियोजना गैर-संचारी रोगों से संबंधित खतरे के बारे में बड़े पैमाने पर जागरूकता प्रदान करेगी ताकि लोग बड़े स्तर पर निवारक कदम उठाएं। आरंभिक चरण में यह उच्च जोखिम वाली आबादी की स्क्रीनिंग किया जायेगा ताकि उन्हें शीघ्र निदान और देखभाल के लिए स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए संदर्भित किया जा सके।

वाॅलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ निदेशक डॉ पी सी भटनागर ने एनसीडी और इसके संबद्ध जोखिम कारक पर स्थानीय समुदाय के ज्ञान, अभ्यास और व्यवहार (ज्ञ।च्) को समझने के लिए जिला लखनऊ में एक आधारभूत सर्वेक्षण करवाया गया जिसमेें पता चला कि 77ः उत्तरदाताओं ने एनसीडी के बारे में सुना है लेकिन 95ः एनसीडी से जुड़े जोखिम कारकों के बारे में अनजान हैं। 80ः से अधिक लोग वसा, चीनी और नमक का आवश्यकता से अधिक मात्रा का प्रयोग करते हैं और 59ः लोग दैनिक रूप से फलों और सब्जियों का सेवन नहीं करते हैं।      

इस कार्यक्रम में  डॉ ए बी सिंह, जीएम-एनसीडी, एनएचएम के अन्य अधिकारी, गैर सरकारी संगठन, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण, स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि और सदस्यों के साथ-साथ सरकारी फ्रंटलाइन कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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