हिमाचल प्रदेश रविवार 09 फरवरी, 2020 |धर्मशाला चीन सहित कई देशों में फैले कोरोना वायरस से बचने के लिए तिब्बतियन डॉक्टर ने एक दवा बनाने का दावा किया है। इस दवा को मात्र सूंघने से ही कोरोना वायरस का शरीर पर कोई असर नहीं होगा। यह दवा बनाने का दावा मैक्लोडगंज स्थित तिब्बतियन मेडिकल कॉलेज (मेन-से-खंग) के एक शोधार्थी डॉ. तेंजिन येशी ने किया है। उन्होंने बताया कि इस दवा को काले कपड़े में बांधकर इसे गले में पहनना होगा इससे कोरोना वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा। इसे दिन में कई बार सूंघना होगा। इससे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ेगी और कोई भी वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि यह दवा तिब्बतियन चिकिस्ता पद्धति द्वारा बनाई गई है।निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रेस अधिकारी पेल्जोर ला ने भी कहा कि शोध कर रहे तिब्बतियन डॉक्टर येशी ने इस तरह की दवा बनाई है। मैक्लोडगंज स्थित तिब्बतियन मेडिकल कॉलेज की स्थापना बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा के पूर्व निजी डॉक्टर येशी डोंडेन ने भारत आकर की थी। तिब्बतियन पद्धति से कैंसर का इलाज करने के लिए दुनिया भर में मशहूर रहे डॉक्टर डोंडेन दलाईलामा के साथ ही भारत आए थे। वर्ष 2018 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया। हाल ही में 94 वर्ष की आयु में उनका मैक्लोडगंज में निधन हुआ था।
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Sunday, February 9, 2020
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तिब्बती के डॉक्टर ने कोरोना वायरस का निकाला तोड़, बचाव के लिए बनाई दवा, मात्र सूंघने से करेगी काम
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