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- राष्ट्रीय बुधवार 5 फरवरी 2020 नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी देने की घोषणा की। राम मंदिर ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे, जिसमें एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा। ट्रस्ट के सदस्यों की बात करें तो सबसे पहला नाम वरिष्ठ वकील के पराशरण का है। पराशरण ने अयोध्या केस में लंबे समय से हिंदू पक्ष की पैरवी की। आखिर तक चली सुनवाई में भी पराशरण खुद बहस करते थे। इनके बाद नाम आता है पेशे से होम्योपैथी के डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र का। मिश्र फैजाबाद की लक्ष्मणपुरी कॉलोनी में रहते हैं। आंबेडकर नगर जिले के पहतीपुर के पतौना गांव के मूल निवासी अनिल कुमार मिश्र राम मंदिर आंदोलन के दौरान विनय कटियार के साथ जुड़े थे। बाद में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े। इस समय वह आरएसएस के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह हैं। वह उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार पद पर भी कार्यरत हैं।वहीं, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनने के बाद बुधवार को अयोध्या के मण्डलायुक्त एवं श्रीराम जन्मभूमि के रिसीवर एम.पी.अग्रवाल ने रिसीवर का चार्ज यहां ट्रस्ट के सदस्य राजा विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र को सौंप दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रस्ट में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज (प्रयागराज), जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, युगपुरुष परमानंद जी महाराज हैं। इनके अलावा स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज का नाम आता है। स्वामी गोविंद देव महाराष्ट्र के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं।केंद्र सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और केंद्र सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। यह व्यक्ति भारत सरकार के संयुक्त सचिव के पद से नीचे नहीं होगा। यह एक पदेन सदस्य होगा। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने आज कहा, "श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार आज भारत सरकार ने अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण की दिशा में अपनी कटिबद्धता दिखाते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नाम से ट्रस्ट बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।" उन्होंने बताया कि यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे जुड़े विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा। ट्रस्ट में शामिल किए जाने पर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने खुशी जताते हुए कहा कि अयोध्या में जनता के पैसे से ही भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। उन्होंने कहा है कि अब तक जनता से इकट्ठा किए गए 30 करोड़ से ज्यादा की धनराशि मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने पर खर्च हो चुकी है, जबकि एक करोड़ नौ हजार अभी भी राम जन्मभूमि न्यास के खाते में धनराशि बची है।
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Wednesday, February 5, 2020
श्री राम मंदिर ट्रस्ट में हैं 15 सदस्य, जानें कुछ सदस्यों का परिचय
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