शहीद की मां व पत्नी दर-दर भटकने को मजबूर - मानवी मीडिया

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Tuesday, February 4, 2020

शहीद की मां व पत्नी दर-दर भटकने को मजबूर



03:59 pm मंगलवार 4 फरवरी, 2020 नई दिल्ली  पुलवामा हमले को एक साल पूरे होने वाले हैं। हमले में शहीद हुए जवानों की मदद के लिए उस वक्त राज्य और केंद्र सरकारों ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन आज तक एक भी वादे पूरे नहीं किए गए हैं। शहीदों के परिजनों को अब तक सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है। केंद्र सरकार ने सिर्फ वादे किए लेकिन उन्हें अब तक पूरा नहीं किया। प्रशासन का रवैया भी इतना लचर है कि शहीदों के परिजन दफ्तरों के चक्कर लगा-लगाकर थक चुके हैं।ऐसी ही कहानी है सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के जवान कौशल कुमार रावत की। कौशल कुमार रावत 14 फरवरी 2019 को उस बस में सवार थे जिसे आतंकियों ने आत्मघाती हमले में उड़ा दिया था। शहीदों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए गए सभी आश्वासन खोखले साबित हो रहे हैं। कौशल कुमार रावत आगरा के रहने वाले हैं। यहां उनका पैतृक आवास सूना है। शहीद कौशल रावत की मां सुधा रावत आज भी बेटे के बारे में बात करती हैं तो आंखों से आंसू निकल आते हैं। सरकार, प्रशासन और सामजिक संगठनों को आंसू पोंछने चाहिए तो वह उस बूढ़ी मां को दफ्तरों के चक्कर लगवा रहे हैं। शहीद कौशल कुमार रावत की मां सुधा कहती हैं कि उन्हें न तो केंद्र सरकार से कोई मदद मिली, न ही सामाजिक संगठनों में से भी किसी ने उनकी सुध ली। न ही कोई जनप्रतिनिधि आया हालचाल पूछने। सुधा कहती हैं कि जब बेटे की अंतिम यात्रा निकली थी, तब बड़े-बड़े अधिकारी, नेता आए थे। सबने बड़े-बड़े वादे किए थे. लेकिन एक साल पूरा होने वाला है आज तक कोई वादा पूरा नहीं हुआ है।शहीद कौशल कुमार रावत का परिवार अब गुरुग्राम के मानेसर इलाके में रहता है। शहीद कौशल की पत्नी ममता कहती हैं कि सरकारी व्यवस्थाओं और बाबुओं की लापरवाही के चलते अब उनके सब्र का बांध टूट चुका है। ममता और कौशल के बेटे विकास की माने तो योगी सरकार ने 25 लाख रुपये देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। हमारे पैसे को बाबुओं ने रोक कर रखा है।सुधा रावत कहती हैं कि उन्होंने कई बार आगरा के जिलाधिकारी से भी मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। शहीद कौशल के चचेरे भाई और तत्कालीन ग्राम प्रधान सत्य प्रकाश रावत कहते हैं कि जिलाप्रशासन ने शहीद की याद में स्मारक बनवाने की घोषणा की थी लेकिन वो अबतक पूरी नहीं हुई है। शहीद का सम्मान बचाए रखने के लिए उनका परिवार अपनी जमीन पर ग्राम पंचायत की मदद से स्मारक बनवा रहा है। 






सत्य प्रकाश रावत ने बताया कि सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 लाख रुपए के मदद की घोषणा की थी। अभी तक उसे पूरा नहीं किया है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार, प्रशासन, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधियों की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिली। सबसे बड़ी मुसीबत ये है कि घर की माली हालत खराब होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी प्रभावित हो रही है।सत्य प्रकाश रावत ने बताया कि शहीद कौशल कुमार रावत के परिजनों ने बताया कि बच्चों की नौकरी से लेकर सरकारी मदद तक के लिए सारी भागदौड़ सिर्फ सीआरपीरफ के अधिकारी ही कर रहे हैं। रिलायंस फाउंडेशन ने भी केवल शहीद के बच्चों के फॉर्म भरवाए हैं लेकिन कोई मदद आगे नहीं मिली है।




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