निर्मला सीतारमण ने आयकर दाताओं को दी बड़ी राहत, 5 से 7.5 लाख पर लगेगा 10 फीसदी कर - मानवी मीडिया

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Saturday, February 1, 2020

निर्मला सीतारमण ने आयकर दाताओं को दी बड़ी राहत, 5 से 7.5 लाख पर लगेगा 10 फीसदी कर




  • राष्ट्रीय02:07 pm शनिवार  01 फरवरी, 2020 नई दिल्ली सरकार ने व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिए बजट में नई सरलीकृत कर प्रणाली का एलान किया है जिसके तहत पहले से मिल रही 100 रियायतों में से 70 को खत्म करने के साथ ही कर के कई स्लैब बनाएं हैं।नई व्यवस्था में पांच लाख से 7.5 लाख रुपए तक की आय पर कर की दर 10 प्रतिशत होगी जबकि 7.5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक की आय पर कर दर 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत की गई है। दस लाख से 12.5 लाख रुपए की आय पर कर दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है जबकि 12.5 लाख की आय पर 25 प्रतिशत आयकर लगेगा। पंद्रह लाख रुपए से अधिक आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर देना होगा। उन्होेंने कहा कि 15 लाख रुपए की आय पर  आयकर दाता यदि किसी प्रकार की छूट या लाभ नहीं लेता है तो उसे एक लाख 95 हजार रुपए का कर देना होगा जबकि पुरानी प्रणाली में दो लाख 73 हजार रुपए का कर देना पड़ता था। इस प्रकार नई प्रणाली को अपनाने पर 78 हजार का लाभ होगा।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में 2020-21 के आम बजट में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि आयकर दाता के लिए विकल्प होगा कि वह पुरानी प्रणाली अपनाना चाहता है या नयी व्यवस्था में कर देना चाहता है। उन्होंने नई प्रणाली का ऐलान करते हुए कहा कि किसी भी कर ढ़ांचे की बुनियाद के लिए करदाता और आयकर विभाग के बीच विश्वास की जरुरत होती है।40,000 तक ब्याज से होने वाली इनकम पर नहीं देना होगा टैक्सअब आपको सालाना 40,000 रुपए की ब्याज से होने वाली इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। पहले ब्याज पर इनकम टैक्स छूट की सीमा 10,000 रुपए थी। यह छूट पोस्ट ऑफिस और बैंक में पैसा जमा करने पर मिलने वाले ब्याज के लिए है। केंद्र सरकार के इस कदम से एक बार फिर सैलरी क्लास और रिटायर्ड लोगों को टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है। काफी समय से ब्याज से होने वाली इनकम पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाए जाने की मांग हो रही थी।2.4 लाख रुपए तक रेंट इनकम पर नहीं लगेगा टैक्सअब कोई भी व्यक्ति जिसकी रेंट इनकम यानी प्रॉपर्टी से किराए के तौर पर सालाना 2.4 लाख रुपए तक आय हो रही है इसे इस आय पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। पहले रेंट इनकम पर टैक्स छूट की सीमा 1.80 लाख रुपए थी। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 2019-20 के लिए बजट पेश करते हुए यह प्रस्ताव किया है।




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