निर्भया केस में कोर्ट की टिप्पणी, जब तक कानूनी विकल्प हैं बाकी, फांसी पर चढ़ाना पाप - मानवी मीडिया

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Friday, February 7, 2020

निर्भया केस में कोर्ट की टिप्पणी, जब तक कानूनी विकल्प हैं बाकी, फांसी पर चढ़ाना पाप




  • मुख्य समाचार

  • राष्ट्रीय शुक्रवारर 7 फरवरी, 2020 नई दिल्ली  निर्भया के दोषियों को फांसी कब होगी इसको लेकर अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आज पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों को फांसी की नई तारीख देने से इनकार करते हुए स्पष्ट किया कि जब तक कानूनी उपचार बाकी हैं, तब तक किसी को फांसी पर चढ़ाना पाप है। आज कोर्ट ने दोषियों को मिले 7 दिनों का जिक्र भी किया। केस की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष इस बात पर अड़ा हुआ है कि जब दिल्ली हाईकोर्ट दोषियों को सात दिन का समय दे चुका है तो डेथ वारंट के लिए इतनी जल्दी क्या है और सुप्रीम कोर्ट जाने की क्या जरूरत पड़ गई। इस पर अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद नया डेथ वारंट जारी करने से इनकार कर दिया। वहीं कोर्ट के फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अदालत ने आज भी डेथ वारंट जारी नहीं किया है जबकि कोई केस लंबित नहीं था। अदालत के पास शक्ति थी और हमारे पास समय था। उन्होंने कहा कि यह हमारे साथ अन्याय है।दरअसल कोर्ट तिहाड़ जेल प्रशासन की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें दोषियों के खिलाफ मौत का नया वॉरंट जारी करने की मांग की गई थी। इस पर जारी नोटिस पर दोषियों को आज अदालत के सामने अपना रुख रखना था।निचली अदालत ने 31 जनवरी को इस मामले के चार दोषियों- मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25) , विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को अगले आदेश तक फांसी पर चढ़ाने से रोक दिया था। ये चारों तिहाड़ जेल में कैद हैं।






 




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