- बिज़नेस बृहस्पतिवारर 6 फरवरी, 2020 मुंबई आज कुछ ही देर में भारतीय रिजर्व बैंक एक बड़ा ऐलान करने वाला है। रिजर्व बैंक के इस फैसले का सीधा असर देश की आम जनता पर पड़ेगा। साल 2019 में रेपो रेट के रिकॉर्ड पांच बार लगातार कटौती करने के बाद रिजर्व बैंक नए वित्त वर्ष की शुरुआत सख्त फैसलों के साथ कर सकता है। विश्लेषकों का अनुमान है कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा बढ़ने के दबाव के कारण आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है।केंद्र सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.5 फीसदी रखा है। अभी रेपो दर 5.15 फीसदी पर है। साल 2019 में इसमें कुल 135 आधार अंकों की कटौती हुई थी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्त्तमान वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को एक बार फिर संशोधित कर दिया है और इसे पूर्व के लक्ष्य से 0.5 फीसदी बढ़ाकर 3.8 फीसदी कर दिया है। बता दें कि यह लगातार तीसरा साल है जब केंद्र सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से चूका रही है। इसे देखते हुए बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) ने सरकार के लक्ष्य पर एक बार फिर संकट जताया है। गोल्डमैन सॉक्स ने कहा है कि सरकार को अभी लक्ष्य के मुताबिक राजस्व की वसूली नहीं हो पा रही है, जो उसके खर्च में कटौती का कारण बन सकता है। साथ ही उस पर बढ़ती महंगाई का दबाव भी किया है, जो आरबीआई के अनुमानित लक्ष्य से ऊपर जा चुकी है। भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक चार फरवरी से ही शुरू हो गई है। जिसके बाद नीति समिति छह फरवरी यानी आज फैसला लेगी। इसमें रेपो रेट पर कोई फैसला करते समय खुदरा महंगाई को ध्यान में रखा जाएगा, जो पांच फीसदी से ज्यादा पहुंच चुकी है। जनवरी में खुदरा महंगाई के 6.7 फीसदी पहुंचने का अनुमान जताया जा रहा है।
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Thursday, February 6, 2020
Monetary Policy: RBI करने जा रही बड़ा ऐलान, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर
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