केजरीवाल को 'आतंकी' कहने पर मैदान में उतरीं बेटी हर्षिता, पूछा- क्या विकास करने वाला आतंकी हो सकता है? - मानवी मीडिया

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Wednesday, February 5, 2020

केजरीवाल को 'आतंकी' कहने पर मैदान में उतरीं बेटी हर्षिता, पूछा- क्या विकास करने वाला आतंकी हो सकता है?




  • मुख्य समाचार

  • दिल्ली10:50 am बुधवार 5 फरवरी, 2020नई दिल्ली दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग अपने चरम पर है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे सियासी सरगर्मियां बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बीजेपी नेता द्वारा आतंकी बताए जाने के खिलाफ अब उनकी बेटी हर्षिता ने भी दिल्ली के इस रण में एंट्री कर ली है। सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता के बाद अब उनकी बेटी हर्षिता केजरीवाल ने अपने पिता का बचाव किया है। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता केजरीवाल ने केजरीवाल सरकार द्वारा नि:शुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा का बचाव किया है और कहा है कि क्या स्वास्थ्य सुविधाओं को मुफ्त करना आतंकवाद है?मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता केजरीवाल ने कहा, 'वे कहते हैं कि राजनीति गंदा है, लेकिन यह एक नया गिरा हुआ स्तर है। अगर स्वास्थ्य सुविधाओं को लोगों के लिए मुफ्त में बनाया जाता है और अगर बच्चों को शिक्षित बनाया जाता है तो क्या यह आतंकवाद है? अगर बिजली और पानी की आपूर्ति में सुधार किया जाता है तो क्या यह आतंकवाद है?'हर्षिता केजरीवाल ने कहा, 'मेरे पिता हमेशा सामाजिक सेवाओं में रहे हैं। मुझे अभी भी याद है कि वे हमें सुबह 6 बजे जगाते थे- मैं, मेरे भाई, मां, दादा-दादी। वह हमें भगवद् गीता पढ़ाते हैं और 'इंसान से इंसान का हो भाईचारा' गीत गाते हैं और हमें इसके बारे में पढ़ाते हैं। क्या यह आतंकवाद है?'हर्षिता ने आगे कहा , 'उन्हें आरोप लगाने दें...उन्हें 200 सांसद और 11 मुख्यमंत्री लाने दें। केवल हम ही नहीं, बल्कि 2 करोड़ आम लोग भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वे उन्हें 11 फरवरी को दिखा देंगे कि वे आरोपों के आधार पर वोट डालते हैं या काम के आधार पर।' बता दें कि दिल्ली चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का परिवार भी आम आदमी पार्टी के लिए वोट मांग रहा है।दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए बिगुल बज गया है। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के साथ ही भाजपा और कांग्रेस भी सत्ता प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रही हैं। दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और मतगणना 11 फरवरी को होगी।गौरतलब है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को कुल 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं भाजपा को तीन सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल सकी थी। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में में दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी।






 




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