कांग्रेस सरकार का फरमान, अगर हर महीने 5 से ज्यादा पुरुषों की नसबंदी नहीं करवाई तो सेहत मुलाजिमों को नहीं मिलेगी सैलरी - मानवी मीडिया

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Friday, February 21, 2020

कांग्रेस सरकार का फरमान, अगर हर महीने 5 से ज्यादा पुरुषों की नसबंदी नहीं करवाई तो सेहत मुलाजिमों को नहीं मिलेगी सैलरी




  • राष्ट्रीय शुक्रवारर 21 फरवरी, 2020 |भोपाल  मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के एक फरमान ने विपक्ष को हमलावर होने का मौका दे दिया है। ये फरमान है नसबंदी का। प्रदेश सरकार ने नसबंदी को लेकर जारी फरमान में स्वास्थ्य कर्मचारियों को टारगेट दे दिया है। टारगेट के मुताबिक कर्मचारियों को हर महीने 5 से 10 पुरुषों के नसंबदी ऑपरेशन करवाने होंगे। ये ऑपरेशन अनिवार्य रूप से करवाने जरूरी हैं क्योंकि अगर कर्मचारी नसबंदी नहीं करा पाते हैं तो उनको सैलरी नहीं मिलेगी। उधर, कमलनाथ सरकार के इस फरमान पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे आपातकाल-2 बताया।पूर्व सीएम ने ट्वीट कर लिखा, मध्यप्रदेश में अघोषित आपातकाल है। क्या ये कांग्रेस का इमर्जेंसी पार्ट-2 है? एमपीएचडब्ल्यू के प्रयास में कमी हो, तो सरकार कार्रवाई करे, लेकिन लक्ष्य पूरे नहीं होने पर वेतन रोकना और सेवानिवृत्त करने का निर्णय, तानाशाही है। वहीं, इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता सैय्यद जाफर ने कहा राष्ट्रीय कार्यक्रम जो जनसंख्या नियंत्रण का है उसी का पालन राज्य सरकार को करना होता है इसलिये सभी जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को ऐसे टारगेट दिये जाते हैं कई बार अधिकारी लक्ष्य को पूरा नहीं करते तो फरवरी-मार्च में उनपर दबाव होता है सरकार के अधिकारियों ने इनको निर्देश दिया है कि आप टारगेट पूरा कीजिये टारगेट पूरा नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई जरूर होगी लेकिन टारगेट नहीं पूरा होने पर वेतन वृद्धि रोकना या नौकरी से निकाल देना मकसद नहीं है, मकसद सिर्फ इतना है कि लक्ष्य पूरा हो सके। प्रदेश सरकार द्वारा टारगेट मिलने पर कर्मचारियों का कहना है कि वह प्रत्येक जिले में घर-घर जाकर परिवार नियोजन का जागरुकता अभियान तो चला सकते हैं लेकिन लोगों की जबरन नसबंदी नहीं करा सकते। वर्तमान में प्रदेश के अधिकांश जिलों में फर्टिलिटी रेट तीन है, सरकार ने इसे 2.1 करने का लक्ष्य रखा है।  




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