इस राज्य में अब शराब की भी होगी होम डिलीवरी, नई आबकारी नीति लागू - मानवी मीडिया

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Sunday, February 23, 2020

इस राज्य में अब शराब की भी होगी होम डिलीवरी, नई आबकारी नीति लागू




  • राष्ट्रीय रविवारर 23 फरवरी, 2020 |भोपाल मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने शराब बिक्री को लेकर बड़ा फैसला लिया है। विपक्ष के तीखे हमलों के बाद राज्य में शराब की उप दुकान खोलने के निर्णय से यू-टर्न ले लिया है। अब राज्य सरकार शराब की उप दुकान नहीं खोलेगी। हालांकि इसकी जगह कमलनाथ सरकार शराब की बिक्री ऑनलाइन करने जा रही है। इस संबंध में सरकार की ओर से प्रेस नोट भी जारी कर दिया गया है। विदेशी शराब को ऑनलाइन बारकोड के साथ बेचने का प्लान है। यानी मध्य प्रदेश में अब आपको घर बैठे शराब मिल जाएगी।मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों में देशी-विदेशी मदिरा दुकानों की नीलामी हेतु शासन ने आबकारी नीति घोषित कर दी है। वर्ष 2020-21 के लिए शराब दुकानें 25 फीसद बढ़ोतरी से नीलाम होंगी और महानगरों में दो समूह बनेंगे। 15 पर्यटन स्थलों पर अंगूर वाइन के आउटलेट भी खुलेंगे। शराब की उपदुकानें नहीं खुल सकेंगीं। शासन को इस व्यवस्था से दो हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है।प्रस्तावित आबकारी व्यवस्था में राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार नए-नए उपाय कर रही है। इसमें सबसे नया उपाय विदेशी शराब के प्रदाय को ऑनलाइन करना है यानी कि अब आप घर बैठे बैठे शराब मंगा सकते हैं। सरकार का दावा है कि इस व्यवसाय पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रत्येक बोतल में बारकोड लगाया जाएगा और हर बोतल की निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। इतना ही नहीं सरकार अंगूर उत्पादक कृषकों की आय में बढ़ाने के लिए अंगूर से बनाई जाने वाली शराब की प्रसार के लिए पर्यटन स्थलों पर 15 नए आउटलेट खोलेगी। इन आउटलेटओं की फीस 10000 रुपये वार्षिक रहेगी।सरकार की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, वर्ष 2020-21 हेतु प्रस्ताववत आबकारी व्यवस्था में राजस्व बढ़ाने एवं सुरक्षित करने हेतु प्रदेश के 52 जिलों में स्थित 2544 देशी मदिरा दुकानों एवं 1061 विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन पूर्व वर्षे के वार्षिक मूल्य में 25 प्रनतशत की वृद्धि कर ई-टेंडर सह-नीलामी/ नवीनीकरण से किया जाएगा।खास बात यह है कि मध्यप्रदेश में शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी, आबकारी विभाग ने पहले प्रस्ताव दिया था कि शराब दुकान के पांच किलोमीटर के दायरे में यदि कोई दुकान नहीं है तो ठेकेदार को उप दुकान खोलने की अनुमति दी जाएगी। इस प्रस्ताव पर कैबिनेट ने आपत्ति ली थी। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुनर्विचार कर नीति लागू करने के निर्देश दिए।सरकार ने एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के 4 बड़े महानगर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जिले में दुकानों के दो-दो समूह बनाए जाएंगे, जिसमें शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र तथा देशी-विदेशी मदिरा की दुकानें होंगी। इन मदिरा दुकानों के निष्पादन ई-टेंडर सह नीलामी से होगा एवं आरक्षित मूल्य पूर्व वर्ष के वार्षिक मूल्य से 25 प्रतिशत बढ़ाकर रखा जाएगा। बाकी 12 नगर निगमों वाले जिलों में दुकानों का एक समूह बनेगा, जहां मदिरा दुकानों का निष्पादन ई-टेंडर सह नीलामी से होगा और आरक्षित मूल्य पूर्व वर्ष के वार्षिक मूल्य से 25 प्रतिशत बढ़ाकर रखा जाएगा।इसके अलावा अन्य बाकी 36 जिलों में वर्ष 2019-20 में प्रचलित मदिरा दुकानों के यथास्थित एकल समूहों के वार्षिक मूल्य में वर्ष 2020-21 के लिए 25 प्रतिशत की वृद्धि कर आरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाएगा। उनका निष्पादन वर्ष 2019-20 में प्रचलित व्यवस्था अनुसार अर्थात नवीनीकरण, लॉटरी एवं ई-टेंडर के माध्यम से किया जाएगा।






 




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