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- राष्ट्रीय बुधवारर 5 फरवरी, 2020 नई दिल्ली दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया के चारों दोषियों के डेथ वारंट के अमल को स्थगित करने के लिए निचली अदालत के फैसले को खारिज करने से बुधवार को इन्कार करते हुए सात दिन के भीतर सभी कानूनी विकल्पों को पूरा करने का आदेश दिया। इस फैसले को केंद्र सरकार ने चुनाैती दी है। केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि जिन दोषियों की याचिका किसी भी फोरम में लंबित नही है, उन्हें फांसी पर लटकाया जाए। एक दोषी की याचिका लंबित होने से दूसरे दोषियों को राहत नहीं दी जा सकती।इससे पहले न्यायाधीश सुरेश कैत ने आज इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी नहीं किए जा सकते। न्यायालय ने कहा कि सभी दोषियों को एक साथ ही फांसी होगी। न्यायाधीश कैत ने चारों दोषियों को निर्देश दिया है कि यदि वे चाहते हैं तो आज से एक सप्ताह के भीतर अपनी सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर लें।गौरतलब है कि चारों की फांसी दो बार टल चुकी है। पहले 22 जनवरी को फांसी के लिए डेथ वारंट जारी किया गया था। इसके बाद एक फरवरी को फांसी के लिए डेथ वारंट जारी हुआ था लेकिन दोषियों के कानूनी प्रक्रिया को अपनाने की प्रक्रिया पूरी नहीं होने की दलील पर फांसी दो बार टल गई।
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Wednesday, February 5, 2020
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दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने दी चुनाैती, कहा-जिनकी याचिका लंबित नहीं उन्हें फांसी पर लटकाया जाए
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने दी चुनाैती, कहा-जिनकी याचिका लंबित नहीं उन्हें फांसी पर लटकाया जाए
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